BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन की पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय मोबाइल फोन तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिस पर आरोप है कि उसने पिछले साल 40,000 चोरी किए गए मोबाइल फोन ब्रिटेन से चीन तक भेजे। मेट्रोपॉलिटन पुलिस का कहना है कि यह ब्रिटेन में फोन चोरी के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है। इसमें 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 2,000 से ज्यादा चोरी किए गए फोन बरामद किए गए। गिरफ्तार लोगों में 2 अफगानी और एक भारतीय नागरिक की पहचान हुई है। पुलिस का दावा है कि यही गिरोह लंदन में चोरी हुए कुल फोन में से करीब 50% को विदेश भेजने के लिए जिम्मेदार था। एयरपोर्ट के पास गोदाम में मिला चोरी हुआ आईफोन यह जांच तब शुरू हुई जब पिछले साल क्रिसमस पर एक पीड़ित ने अपने चोरी हुए आईफोन को ट्रैक किया और उसकी लोकेशन हीथ्रो एयरपोर्ट के पास एक गोदाम में मिली। वहां सुरक्षाकर्मियों ने जब जांच की, तो फोन एक डिब्बे में मिला जिसमें 894 और फोन थे। जांच में पता चला कि लगभग सभी फोन चोरी किए गए थे और उन्हें हॉन्गकॉन्ग भेजा जा रहा था। इसके बाद पुलिस ने आगे की खेप रोक दी और फोरेंसिक जांच से दो संदिग्धों की पहचान की। पुलिस को पता चला कि ये कार में पन्नी में लपेटकर फोन की तस्करी करते थे ताकि चोरी का सामान पकड़ा न जाए। दोनों आरोपी 30 साल के अफगान नागरिक हैं। उन पर चोरी का माल रखने और आपराधिक संपत्ति छिपाने की साजिश का आरोप है। तस्करी के गिरोह में एक 29 साल का भारतीय नागरिक भी शामिल है। लंदन में 2024 में 80,588 फोन चोरी हुए डिटेक्टिव इंस्पेक्टर मार्क गेविन के मुताबिक, यह गिरोह लंदन में चोरी हुए फोनों को विदेश भेजने में शामिल था। गेविन ने कहा कि लंदन में फोन चोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं। साल 2020 में 28,609 फोन चोरी हुए थे, जो 2024 में बढ़कर 80,588 हो गए। यानी चार साल में यह संख्या लगभग तीन गुना हो गई।ब्रिटेन में जितने भी फोन चोरी होते हैं, उनमें से तीन-चौथाई लंदन में चुराए जाते हैं। लंदन के वेस्ट एंड और वेस्टमिंस्टर जैसे पर्यटन इलाकों में फोन छीनने की घटनाएं आम हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक सेकेंड हैंड फोन की बढ़ती मांग चोरी की बड़ी वजह है। पुलिस मंत्री सारा जोन्स ने कहा कि अब कुछ अपराधी नशीले पदार्थों की तस्करी छोड़कर फोन चोरी की ओर जा रहे हैं, क्योंकि इसमें काफी मुनाफा होता है। जोन्स ने कहा कि एक फोन सैकड़ों पाउंड में बिक सकता है, इसलिए अपराधी इसे आसान और फायदेमंद धंधा मान रहे हैं। एप्पल फोन को निशाना बनाता था गिरोह वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, यह गिरोह खास तौर पर एप्पल फोन को निशाना बनाता था, क्योंकि ये विदेशों में ज्यादा दाम पर बिकते हैं। लंदन में चोरी करने वालों को प्रति फोन 300 पाउंड तक मिलते थे, जबकि वही फोन चीन में 4,000 पाउंड तक में बिकते थे। चीन में ऐसे फोन लोकप्रिय हैं क्योंकि वे सरकारी सेंसरशिप से बचने के लिए इंटरनेट इस्तेमाल करने में मदद करते हैं। पुलिस कमांडर एंड्रयू फेदरस्टोन ने कहा, 'यह ब्रिटेन में मोबाइल चोरी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। हमने सड़क पर चोरी करने वालों से लेकर हजारों फोन विदेश भेजने वाले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तक सबको निशाना बनाया है।' हालांकि, कई पीड़ितों ने पुलिस की आलोचना की है कि वे चोरी की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई नहीं करते। कई लोग शिकायत करते हैं कि जब वे “Find My iPhone” जैसी सेवाओं से अपने फोन की लोकेशन बताते हैं, तब भी पुलिस मदद नहीं करती। पुलिस ने स्नैचरों से निपटने वाले वीडियो टिकटॉक पर डाले मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने हाल के महीनों में फोन स्नैचरों से निपटने वाले अधिकारियों के कई वीडियो टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाले हैं। पुलिस का कहना है कि इस साल अब तक लंदन में व्यक्तिगत डकैती में 13% और चोरी में 14% की कमी आई है। पुलिस का कहना है कि फोन डकैती जैसे अपराधों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 80 से ज्यादा अधिकारी वेस्ट एंड टीम में शामिल हो रहे हैं।