बुक रिव्यू- मंजिल तक पहुंचाने वाले ‘सक्सेस प्रिंसिपल्स’:चुनौतियों से कैसे लड़ें, आगे बढ़ें, सफलता के 52 गुरु मंत्र सिखाती किताब

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किताब का नाम- सक्सेस प्रिंसिपल्स, 52 हफ्ते: सफलता के 52 गुरु मंत्र (सक्सेस अफर्मेशन का हिंदी अनुवाद) लेखक- जैक कैनफील्ड प्रकाशक- प्रभात प्रकाशन मूल्य- 500 रुपए अनुवाद- वीरेन वर्मा हर इंसान अपने जीवन में ‘बड़ी उपलब्धि’ हासिल करना चाहता है। इसके लिए वह कड़ी मेहनत भी करता है। लेकिन कभी-कभी इसके बावजूद सफलता नहीं मिलती है। ऐसे में हमारे मन में कई तरह के नेगेटिव विचार आने लगते हैं। कई बार हम अपना रास्ता भी बदल देते हैं। ऐसी स्थिति में हमें किसी ऐसे ‘मंत्र’ की जरूरत होती है, जो सफलता की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करे। मशहूर अमेरिकन लेखक जैक कैनफील्ड की किताब ‘सक्सेस प्रिंसिपल्स: 52 हफ्ते, सफलता के 52 गुरु मंत्र’ बखूबी यह काम करती है। ये किताब अपने सपनों को हकीकत में बदलने का रास्ता दिखाती है। जैक कैनफील्ड एक विश्व प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक हैं, जिन्होंने अपनी किताबों से लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। उनकी लेखनी में प्रेरणा और व्यावहारिक सलाह का अनोखा संगम है। इस किताब में वे 52 पॉजिटिव अफर्मेशन पेश करते हैं, जो साल के हर हफ्ते के लिए एक गुरु मंत्र की तरह काम करते हैं। यह किताब न केवल हमें प्रेरित करती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि कैसे हम अपने करियर, रिश्तों और पर्सनल लाइफ में सफलता हासिल कर सकते हैं। किताब का मकसद और अहमियत जैक कैनफील्ड कहते हैं कि अगर हम अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं और हर दिन छोटे-छोटे कदम उठाएं तो बड़े लक्ष्य भी आसानी से हासिल हो सकते हैं। यह किताब हमें अपने जीवन की जिम्मेदारी लेने, अपने सपनों को स्पष्ट करने और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करने की प्रेरणा देती है। कैनफील्ड ने सफलता को एक साल की यात्रा की तरह देखा है, जहां हर हफ्ते एक नया अफर्मेशन हमें आगे बढ़ने की शक्ति देता है। नीचे दिए ग्राफिक से इसके 11 मुख्य मंत्र समझिए- आइए सफलता के इन मुख्य मंत्रों के बारे में बात करते हैं। अपने भविष्य की 100% जिम्मेदारी लें कैनफील्ड का मानना है कि हमारी जिंदगी में जो कुछ भी होता है, उसकी जिम्मेदारी हमें खुद लेनी चाहिए। चाहे वह सफलता हो या असफलता। बहाने बनाने या दूसरों को दोष देने की बजाय जब हम खुद को जवाबदेह मानते हैं, तभी बदलाव की शुरुआत होती है। तय करें, क्या बनना और पाना चाहते हैं बिना स्पष्ट लक्ष्य के जिंदगी में भटकाव आना स्वाभाविक है। कैनफील्ड सुझाते हैं कि हमें अपने सपनों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना चाहिए और उन्हें कागज पर लिखना चाहिए। यह प्रक्रिया हमें दिशा देती है। उदाहरण के लिए, अगर आप एक एंटरप्रेन्योर बनना चाहते हैं तो तय करें कि किस तरह का बिजनेस शुरू करना है, कितना टर्नओवर चाहिए और कब तक इसे हासिल करना है। रोजाना इस लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाएं। स्पष्ट विजन और लिखित गोल्स हमें प्रेरित रखते हैं और भटकने से बचाते हैं। फोकस हमेशा लक्ष्य पर रखें सफलता के लिए जरूरी है कि हमारा ध्यान हमेशा अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहे। कैनफील्ड कहते हैं कि रोजमर्रा की छोटी-मोटी समस्याएं या बाहरी डिस्ट्रैक्शन्स हमें भटका सकते हैं। इससे बचने के लिए अपने लक्ष्य को हमेशा सामने रखें। जैसे रोज सुबह अपने गोल्स को पढ़ें या विजन बोर्ड बनाएं। उदाहरण के लिए, अगर आप फिटनेस में सुधार चाहते हैं तो रोज वर्कआउट का समय फिक्स करें और फोन या टीवी से बचें। यह फोकस आपको अनुशासित और प्रोडक्टिव बनाता है। हमेशा खुद पर विश्वास रखें आत्मविश्वास सफलता की नींव है। कैनफील्ड का मानना है कि अगर आप खुद पर यकीन नहीं करेंगे तो दूसरों को आप पर भरोसा करने की उम्मीद कैसे करेंगे? अपनी ताकत को पहचानें और असफलताओं को सीखने का मौका समझें। छोटे-छोटे हिस्से में बांटकर काम करें कैनफील्ड बताते हैं कि लक्ष्य को हमेशा छोटे-छोटे मैनेजेबल टास्क्स में बांटकर पूरा करें। यह न केवल काम को आसान बनाता है, बल्कि प्रोग्रेस को ट्रैक करने में भी मदद करता है। उदाहरण के लिए, अगर आप किताब लिखना चाहते हैं तो हर दिन 500 शब्द लिखने का लक्ष्य रखें। अपनी गलतियां स्वीकारें और सुधारें गलतियां इंसान के जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन कैनफील्ड कहते हैं कि उन्हें स्वीकार करना और उनसे सीखना सफल लोगों की खासियत है। गलतियों को छिपाने या नजरअंदाज करने की बजाय, उन्हें एनालाइज करें और सुधार करें। अपना हर काम अपेक्षा से बढ़कर करें कैनफील्ड का मानना है कि अगर आप हर काम में 100% से ज्यादा मेहनत करते हैं तो न सिर्फ दूसरों का भरोसा जीतते हैं, बल्कि अपनी वैल्यू भी बढ़ाते हैं। चाहे वह ऑफिस प्रोजेक्ट हो या पर्सनल प्रोजेक्ट, हमेशा एक्स्ट्रा एफर्ट्स डालें। अतीत को पॉजिटिव तरीके से याद करें अतीत की नकारात्मक यादें हमें डिमोटिवेट कर सकती हैं। इसके लिए कैनफील्ड सलाह देते हैं कि अतीत को पॉजिटिव नजरिए से देखें। हर अनुभव, चाहे अच्छा हो या बुरा, कुछ न कुछ सिखाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने जॉब इंटरव्यू में रिजेक्शन फेस किया, तो इसे फेल्योर की बजाय इंटरव्यू स्किल्स इम्प्रूव करने का मौका मानें। नकारात्मक लोगों से दूर रहें आपके आसपास के लोग आपके माइंडसेट को बहुत प्रभावित करते हैं। कैनफील्ड सुझाते हैं कि उन लोगों से दूरी बनाएं जो हमेशा शिकायत करते हैं या आपके सपनों को छोटा करते हैं। इसके बजाय पॉजिटिव और सपोर्टिव लोगों के साथ समय बिताएं। बातें ऐसी करें, जो दिल को छू लें सफलता के लिए बेहतर कम्युनिकेशन जरूरी है। कैनफील्ड कहते हैं कि अपनी बातों में सच्चाई और इमोशन डालें, ताकि लोग आपसे कनेक्ट करें। चाहे वह प्रोफेशनल मीटिंग हो या पर्सनल रिलेशनशिप, अपनी बातों को दिल से कहें। खर्चे बढ़ाने से पहले कमाई बढ़ाएं कैनफील्ड सलाह देते हैं कि अपने खर्चों को कंट्रोल करें और पहले आय के स्रोत बढ़ाएं। इससे आप आर्थिक तनाव से बचते हैं और फाइनेंशियल फ्रीडम की ओर बढ़ते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप नई कार खरीदना चाहते हैं तो पहले साइड इनकम या प्रमोशन पर फोकस करें, फिर खर्च करें। यह आदत आपको स्मार्ट मनी मैनेजमेंट सिखाती है और भविष्य में स्टेबिलिटी देती है। यह किताब किसे पढ़नी चाहिए? अगर आप अपने जीवन में बदलाव लाना चाहते हैं तो यह किताब आपके लिए एकदम सही है। यह आपको न केवल प्रेरित करती है, बल्कि व्यावहारिक तरीके भी सिखाती है, जिन्हें आप तुरंत आजमा सकते हैं। चाहे आप एक छात्र हों, नौकरीपेशा से हों या अपने सपनों को सच करने की चाहत रखते हों, यह किताब हर किसी के लिए है। किताब से क्या सीख मिलती है? यह किताब बताती है कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती। यह एक यात्रा है, जिसमें अपनी सोच बदलनी होगी, अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करना होगा और हर दिन छोटे-छोटे कदम उठाने होंगे। कैनफील्ड की कहानियां और व्यावहारिक सलाह यह एहसास दिलाती हैं कि आप अपने जीवन के मालिक हैं। उदाहरण के लिए ‘अपने भविष्य की 100% जिम्मेदारी लें’ मंत्र हमें बताता है कि बहाने बनाना छोड़कर हमें अपने फैसलों और परिणामों को स्वीकार करना चाहिए। किताब के बारे में मेरी राय मुझे यह किताब इसलिए पसंद आई क्योंकि यह सिर्फ प्रेरणा नहीं देती, बल्कि एक्शन लेने के लिए मजबूर करती है। जैक कैनफील्ड की लेखन शैली इतनी सहज और दोस्ताना है कि लगता है कोई आपको सलाह दे रहा हो। हर मंत्र के साथ दी गई कहानियां और उदाहरण इसे और रोचक बनाते हैं। ............... ये बुक रिव्यू भी पढ़िए बुक रिव्यू- बिल गेट्स की कहानी, उनकी जुबानी: एक मिडिल क्लास लड़का कैसे बन गया दुनिया का सबसे सफल और अमीर शख्स ‘सोर्स कोड- मेरी शुरुआत’ हमें बिल गेट्स की जिंदगी के पहले 20 सालों की कहानी सुनाती है- 1955 में उनके जन्म से लेकर 1975 में माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत तक। ये किताब बिल गेट्स के बचपन, किशोरावस्था और उस जुनून के बारे में सबकुछ बताती है। पूरी खबर पढ़िए...