आरोप है कि अनावेदिका ने जो जाति प्रमाण पत्र पेश किया है, वह वैध नहीं, क्योंकि उक्त जाति प्रमाण पत्र का कोई प्रकरण क्रमांक नहीं है, न ही उसकी शासकीय कार्यालय में कोई फाइल है। इतना ही नहीं उक्त प्रमाण पत्र में पिता की जगह पति का नाम दर्ज है। याचिका में मांग की गई कि झूठा जाति प्रमाण पत्र पेश करने पर निर्वाचन शून्य घोषित किया जाना चाहिए।