यही कारण है कि बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में किसी थाने में घुसपैठियों के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं होती। घुसपैठियों को वोट बैंक के रूप में देखना और उन्हें शरण देना देश की सुरक्षा के साथ जानबूझकर किया जाने वाला खिलवाड़ है।