भारत की करेंसी का तो बुरा हाल, लेकिन पड़ोसी देशों का क्या है हाल? जान लीजिए

Wait 5 sec.

भारतीय रुपया पिछले कुछ समय से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है. मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 6 पैसे गिरकर 88.16 पहुंच गया. इसका कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, बढ़ती तेल की कीमतें और विदेशी निवेश में कमी बताया जा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लगातार रुपये को स्थिर करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वैश्विक दबाव और आयात पर निर्भरता इसे चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं. इसका असर आम जनता पर भी पड़ रहा है, क्योंकि आयातित सामान जैसे पेट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक्स और दवाइयां महंगी हो रही हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या भारत के पड़ोसी देशों की मुद्राएं भी ऐसी ही चुनौतियों का सामना कर रही हैं? चलिए पड़ोसी देशों का हाल जानते हैं.पाकिस्तानपाकिस्तान का रुपया भी कठिन दौर से गुजर रहा है. एक अमेरिकी डॉलर की कीमत लगभग 282 पाकिस्तानी रुपये के आसपास पहुंच गई है. इसका कारण है पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था, भारी विदेशी कर्ज और राजनीतिक अस्थिरता. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाली मदद के बावजूद, पाकिस्तान की करेंसी में सुधार के आसार कम दिख रहे हैं.बांग्लादेशबांग्लादेश की मुद्रा टका भी स्थिर नहीं  है. एक अमेरिकी डॉलर की कीमत लगभग 120 टके के आसपास है. ऊर्जा संकट और निर्यात में कमी के कारण टका कमजोर हुआ है. श्रीलंकाश्रीलंका का रुपया (LKR) हाल के वर्षों में भारी संकट से गुजरा है. एक अमेरिकी डॉलर की कीमत लगभग 300 श्रीलंकाई रुपये के आसपास है. विदेशी मुद्रा भंडार की कमी और कर्ज के बोझ ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया है. भारत ने श्रीलंका को आर्थिक मदद दी है, लेकिन करेंसी की स्थिरता अभी भी एक चुनौती है.अफगानिस्तानएक तरफ जहां भारत की करेंसी लगातार दबाव में है तो वहीं अफगानिस्तान की मुद्रा अफगानी (AFN) डॉलर के मुकाबले स्थिर बनी हुई है.  एक अमेरिकी डॉलर की कीमत लगभग 69 अफगानी है. म्यांमारम्यांमार की मुद्रा, क्यात (MMK) भी कमजोर हुई है. एक अमेरिकी डॉलर की कीमत लगभग 2100 क्यात है. राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक प्रतिबंधों ने म्यांमार की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया है. इसे भी पढ़ें-मिस्र में कितनी है 1000 रुपये की कीमत, वहां इससे क्या-क्या खरीद सकते हैं?