केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हिंदू अल्पसंख्यकों को 31 दिसंबर 2024 तक डिपोर्ट नहीं करने का फैसला लिया, जिससे बंगाल की राजनीति में बड़ा असर पड़ेगा.