Agency:भाषाLast Updated:September 03, 2025, 16:43 ISTकैप्टन कूल एमएस धोनी जैसा बनना चाहती हैं पाकिस्तान की फातिमा सना.नई दिल्ली. मात्र 23 साल की उम्र में आईसीसी वनडे विश्व कप में पाकिस्तान की कप्तानी करने जा रही फातिमा सना भारतीय दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी की तरह ‘कैप्टन कूल’ बनना चाहती हैं ताकि अपनी टीम को चैंपियन बना सकें. फातिमा ने कहा, ‘विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में कप्तानी करने पर शुरू में थोड़ा नर्वस होना लाजमी है लेकिन मैं बतौर कप्तान एमएस धोनी से प्रेरणा लेती हूं.’ पाकिस्तान की टीम वनडे विश्व कप में अपने अभियान का आगाज दो अक्टूबर को कोलंबो में बांग्लादेश के खिलाफ करेगी. यह टूर्नामेंट भारत और श्रीलंका में 30 सितंबर से दो नवंबर के बीच खेला जाएगा.फातिमा सना ने कहा, ‘मैने उनके भारत के कप्तान के तौर पर और आईपीएल मैच देखे हैं. वे जिस तरह मैदान पर फैसले लेते हैं, शांत रहते हैं और अपने खिलाड़ियों का समर्थन करते हैं , उससे काफी कुछ सीखने को मिलता है. जब मुझे कप्तानी मिली थी तभी मैने सोचा था कि धोनी की तरह बनना है. उनके इंटरव्यू भी देखे तो काफी कुछ सीखने को मिला.’महिला वनडे विश्व कप में पाकिस्तान पांच बार (1997, 2009, 2013, 2017 और 2022 में) खेला है लेकिन 1997, 2013 और 2017 में एक भी मैच नहीं जीत सकी. पिछली बार 2022 में एकमात्र जीत हैमिल्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ मिली लेकिन बाकी सारे मैच हारकर टीम आखिरी स्थान पर रही थी. पाकिस्तान के लिए 34 वनडे में 397 रन बनाने और 45 विकेट लेने वाली हरफनमौला फातिमा को यकीन है कि इस बार यह मिथक टूटेगा क्योंकि युवा खिलाड़ियों को पता है कि उनके प्रदर्शन से देश में महिला क्रिकेट का मुस्तकबिल तय होगा.उन्होंने कहा, ‘इस बार यकीनन यह मिथक टूटेगा क्योंकि युवा खिलाड़ियों को पता है कि पाकिस्तान महिला क्रिकेट के लिए यह टूर्नामेंट कितना अहम है. हम अतीत के बारे में नहीं सोचेंगे. मेरा लक्ष्य टीम को सेमीफाइनल तक ले जाना है.’ उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में लड़कियां अब स्कूलों में क्रिकेट खेलने लगी हैं और अंतरराष्ट्रीय मैच लाइव दिखाए जा रहे हैं. आईसीसी ने भी महिला विश्व कप के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर बहुत अच्छी पहल की है जिससे पाकिस्तान जैसे देश में महिला क्रिकेट को फायदा मिलेगा. लेकिन अभी भी एक बैरियर है जो हमें इस टूर्नामेंट के जरिये तोड़ना है.’उन्होंने कहा, ‘हमारे पास आला दर्जे के गेंदबाज हैं और स्पिनर हमारे ट्रंपकार्ड होंगे. हम बल्लेबाजी से ज्यादा गेंदबाजी पर निर्भर करेंगे लेकिन पिछले एक साल में बल्लेबाजी पर काफी काम किया है जिसका नतीजा मिलेगा.’ उन्होंने कहा कि टीम का फोकस क्वालीफायर वाली लय को कायम रखने पर होगा और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टूर्नामेंट से पहले होने वाली तीन मैचों की सीरीज से टीम संयोजन तैयार करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा ,‘‘ टीम अच्छी लय में है और क्वालीफायर में उम्दा प्रदर्शन के बाद सभी का मनोबल बढ़ा हुआ है. कमोबेश वही खिलाड़ी टीम में हैं जो क्वालीफायर खेले थे. छह खिलाड़ियों का यह पहला विश्व कप है और वे काफी उत्साहित हैं.’ पाकिस्तान क्वालीफायर टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारा था.आस्ट्रेलिया को खिताब की प्रबल दावेदार बताते हुए फातिमा ने कहा कि सेमीफाइनल की चार टीमों को लेकर कयास नहीं लगाया जा सकता लेकिन भारत का प्रदर्शन भी लगातार अच्छा रहा है. उन्होंने कहा, ‘मेरी पसंदीदा टीम आस्ट्रेलिया है. शीर्ष चार के बारे में कहना मुश्किल है लेकिन भारत का प्रदर्शन पिछले कुछ अर्से में बहुत अच्छा रहा है. उनके पास जेमिमा, स्मृति और हरमनप्रीत जैसे काफी अनुभवी खिलाड़ी है लेकिन हम किसी एक खिलाड़ी पर फोकस नहीं करेंगे.’फातिमा सना ने यह भी कहा कि मेजबान होने के नाते भारत पर दबाव होगा लेकिन घरेलू मैदान पर खेलने का फायदा भी मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘भारत ने कभी विश्व कप नहीं जीता है और मेजबान होने के नाते जीत का दबाव तो होगा ही लेकिन इसके साथ घरेलू दर्शकों के होने से मनोबल भी बढ़ता है. अब यह टीम पर निर्भर करता है कि वह इसे कैसे लेते हैं.’फातिमा सना बचपन से आस्ट्रेलियाई धुरंधर एलिस पैरी की मुरीद हैं. वे एलिस पैरी और विराट कोहली के कारण आईपीएल चैम्पियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के मैच भी देखती आई हैं. उन्होंने कहा, ‘रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू मेरी पसंदीदा टीम है विराट और एलिस पैरी की वजह से. आरसीबी के आईपीएल सफर से काफी कुछ सीखने को मिला खासकर विराट का मैदान पर रवैया और फिटनेस काबिले तारीफ है.’कराची में 11 वर्ष की उम्र में अपने भाइयों के साथ स्ट्रीट क्रिकेट खेलकर शुरूआत करने वाली फातिमा ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह एक दिन विश्व कप में कप्तानी करेंगी. उनके पिता उनके आदर्श रहे जिनका पिछले साल टी20 विश्व कप के दौरान निधन हो गया लेकिन इस दुख को भुलाकर फातिमा ने टीम के लिए खेला. उन्होंने कहा, ‘मैने जब भाइयों के साथ खेलना शुरू किया तब मुझे पता भी नहीं था कि महिला क्रिकेट टीम भी होती है. भाई के क्लब के कोच मुझे कराची में नेशनल स्टेडियम ले गए और वहीं से शुरुआत हुई. परिवार ने हर कदम पर मेरा साथ दिया.’ पिता को खोने के बावजूद टी20 विश्व कप में खेलने के फैसले के बारे में उन्होंने कहा, ‘पापा सारे मैच देख रहे थे और अचानक ही यह सब हो गया. पूरा परिवार चाहता था कि मैं पापा की इच्छा पूरी करूं और खेलूं और मैने वही किया.’ इससे पहले सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली भी अपने पिता को खोने के बाद टीम के साथ खेलने के लिए लौटे थे. क्या उन्हें इसके बारे में पता था, यह पूछने पर फातिमा ने कहा ,‘‘विराट का तो पता था, लेकिन सचिन का नहीं.’homecricketधोनी की तरह ‘कैप्टन कूल’ बनना चाहती हैं सना, पाकिस्तान को चैंपियन बनाना सपनाऔर पढ़ें