दिल्ली ब्लास्ट की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से मिली डॉक्टरों की डायरी में लिखे मैसेज डिकोड कर लिए हैं। डॉ. उमर की 150 पेज की डायरी में ज्यादातर नंबरों में मैसेज लिखे हैं, जिन्हें समझने के लिए फोरेंसिक लैब में क्रिप्टो ग्राफिक एक्सपर्ट जांच कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस के एक अफसर के मुताबिक, डायरी में जिन 25 लोगों के नाम मिले हैं, उनमें से 18 को हिरासत में लिया गया था। इनमें से 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' दो साल पहले शुरू हुआ था। डायरी में दिसंबर 2023 से पहले की कोई जानकारी नहीं है। जांच टीमें अल-फलाह से जुड़ी सभी कंपनियों का फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन ट्रैक कर रही हैं। टेरर फाइनेंसिंग का एंगल सबसे गंभीर है। वहीं तीनों मुख्य साजिशकर्ताओं डॉ. उमर नबी, डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद के बैंक अकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं। पहले भी बना हुआ है शाहीन का पासपोर्टजांच में यह भी पता चला है कि डॉ. शाहीन सईद का पहले भी पासपोर्ट बना हुआ था और वह कई देशों में घूम चुकी है। अब वह अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पास बनी मस्जिद के पति पर नकली तरीके से पासपोर्ट बनवाने की कोशिश कर रही थी। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) और केंद्रीय एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं और अब तक 24 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी है। स्टूडेंट्स-स्टाफ के प्राइवेट हाउस की तलाशीजांच अधिकारियों ने अभी तक अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस के हॉस्टल और रिहायशी इलाके की ही तलाशी ली थी। सोमवार से दूसरे कोर्स में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और पढ़ाने वाले टीचर्स के घरों में भी तलाशी शुरू कर दी गई है। एक स्टूडेंट ने बताया कि रात के वक्त पुलिस और अधिकारी आ रहे हैं और आसपास के गांव में रेंट पर रहने वाले स्टूडेंट और फैकल्टी समेत तमाम स्टाफ से आधार कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट्स चेक कर रहे हैं। NIA ने यूनिवर्सिटी का 6 साल का रिकॉर्ड मंगवायाNIA ने ने 2019 से यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड, भर्ती, हाजिरी, सैलरी और पहचान पत्र मंगवा लिए हैं। इसमें सबसे जरूरी कश्मीरी डॉक्टरों के नौकरी पर आने से जुड़े कागजात हैं। वहीं, यूनिवर्सिटी की वेबसाइट तीन दिन बाद फिर से शुरू हो गई है, लेकिन यहां से नैक रैंकिंग समेत कई जानकारियां हटा दी गई है।