उन्होंने आगे लिखा कि चुनाव आयोग ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हज़ारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें। मक़सद साफ़ है - सही मतदाता थककर हार जाए, और वोट चोरी बिना रोक-टोक जारी रहे।