सनातन धर्म में शिवलिंग पूजा को अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली माना गया है। माना जाता है कि शिवलिंग, महादेव के अनादी-अनंत स्वरूप का प्रतीक है। शिवपुराण में विस्तार से वर्णित है कि किस प्रकार ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता के द्वंद के समय भगवान शिव ने एक असीमित ज्योत प्रकट की, जिसने अंततः शिवलिंग का स्वरूप ग्रहण किया।