मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा कि आर्थिक जरूरत सिद्ध न होने पर शादीशुदा बेटी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार नहीं होती। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता आर्थिक रूप से सक्षम है, उसका पति नौकरी में है और परिवार का कोई सदस्य उस पर निर्भर नहीं है। इसलिए याचिका खारिज कर दी गई।