मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष के तुरंत बाद चीन ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए फर्जी कैंपेन चलाया था। यह खुलासा एक अमेरिकी रिपोर्ट में हुआ है। यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमिशन ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष का फायदा उठाया और अपने हथियारों की खूबियां दिखाने की कोशिश की। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने फ्रांस के राफेल फाइटर जेट की बिक्री रोकने और अपने J-35 लड़ाकू विमानों के प्रचार के लिए फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स चलाए। इन अकाउंट्स से AI से बनाई गई नकली तस्वीरें फैलाई गईं, जिनमें दावा किया गया कि भारतीय राफेल को चीन के हथियारों ने गिराया है और यह उसके ‘मलबे’ की तस्वीरें हैं। चीन को लेकर 5 बड़े खतरे उजागर रिपोर्ट में कई रिस्क बताए गए हैं, जो अमेरिका के लिए आर्थिक, तकनीकी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अहम हैं। रिपोर्ट बताती है कि चीन एडवांस टैक्नोलॉजीज (जैसे एआई, क्वांटम कम्प्यूटिंग, रोबोटिक्स) में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें बताया गया है कि चीन जरूरी कच्चे माल, टेक्नोलॉजी पर कंट्रोल रखता है। ऐसे में वह सप्लाई चेन को ‘हथियार’ के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है। रिपोर्ट में चीन के रूस, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के साथ पार्टनरशिप को लेकर भी चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन कई देशों के साथ आर्थिक-सैन्य रणनीतिक रिश्ते मजबूत कर रहा है, जिससे उसकी वैश्विक पहुंच और शक्ति बढ़ रही है। रिपोर्ट में चीन-निर्मित ऊर्जा स्टोरेज सिस्टम (जैसे बैटरियां) पर चिंता जताई गई है, खासकर वे सिस्टम जिसमें रिमोट मॉनिटरिंग की सुविधा है। चीन इनका दुरुपयोग कर साइबर खतरे पैदा कर सकता है। रिपोर्ट जारी करने वाली USCC के बारे में जानिए पाकिस्तान ने 3 राफेल गिराने का दावा किया था भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसकी वायुसेना ने लड़ाई के दौरान पांच भारतीय विमानों को मार गिराया, जिनमें तीन राफेल भी शामिल थे। फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि इससे राफेल की कैपिसिटी पर सवाल उठने लगे थे। बाद में भारत ने विमान के नुकसान की बात स्वीकार की थी, लेकिन यह नहीं बताया था कि कितने फाइटर प्लेन का नुकसान हुआ। इसके बाद फ्रांसीसी एयरफोर्स जनरल जेरोम बेलांगर ने कहा था कि उन्होंने सिर्फ 3 भारतीय विमानों को नुकसान पहुंचने के सबूत देखे हैं- इसमें एक राफेल, एक रूस निर्मित सुखोई और एक मिराज 2000। मिराज 2000 आखिरी जेनरेशन का फ्रांसीसी जेट है। मीडिया के मुताबिक यह पहली बार था, जब युद्ध में राफेल को नुकसान पहुंचा था। CDS ने भारत के कुछ विमान गिरने की बात स्वीकार की थी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारतीय फाइटर जेट गिरने के दावों पर बात की। उन्होंने ये बातें ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कही थी। उन्होंने कहा था कि असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे और हमने उनसे क्या सीखा। भारत ने अपनी गलतियों को पहचाना, उन्हें जल्दी सुधारा और फिर दो दिन के भीतर दुश्मन के ठिकानों को लंबी दूरी से निशाना बनाकर एक बार फिर प्रभावी तरीके से जवाब दिया। CDS चौहान ने कहा कि पाकिस्तान का ये दावा कि उसने 6 भारतीय जेट गिराए, बिल्कुल गलत है। गिनती मायने नहीं रखती, बल्कि यह मायने रखता है कि हमने क्या सीखा और कैसे सुधार किया। इस संघर्ष में कभी भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की नौबत नहीं आई, जो कि एक राहत की बात है। पूरी खबर पढ़ें... राफेल की रेंज 3700 किलोमीटर राफेल विमान फ्रांस की दसॉ एविएशन द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। ये एक मिनट में 60,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। साथ ही यह 2200 से 2500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। सबसे खास बात ये है कि इसमें मॉडर्न ‘मिटिअर’ मिसाइल और इजराइली सिस्टम भी है। 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस के तत्कालीन रक्षामंत्री ज्यां ईव द्रियां और भारत के तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने नई दिल्ली में राफेल सौदे पर साइन किए थे। भारत सरकार ने 59,000 करोड़ रुपए की फ्रांस से डील की थी।