सुकमा में लंबे समय से दहशत का पर्याय बन चुके माड़वी हिड़मा की मुठभेड़ में मौत के बाद उसका गांव सन्नाटे में डूब गया। जिस हिड़मा की आवाज पर कभी पूरा इलाका थर्रा उठता था, उसकी मौत पर गांववासी घर तक नहीं पहुंचे। केवल मां, भाई और परिजन ही रोते-बिलखते नजर आए। ग्रामीणों ने दूरी बनाए रखी, जबकि शव लेने उसका भाई और सरपंच पहुंचे।