एक्टर्स की बड़ी पर्सनल टीम को लेकर आजकल इंडस्ट्री में काफी चर्चा है. कई प्रोड्यूसर्स का मानना है कि इतनी बड़ी टीम साथ ले जाना महंगा पड़ता है और इससे फिल्म का खर्च भी बढ़ जाता है. इसी बीच एक्टर और राइटर पीयूष मिश्रा ने इस टॉपिक को लेकर बात की हैं.पीयूष मिश्रा ने दी अपनी राय हाल ही में कर्ली टेल्स के साथ इंटरव्यू में एक्टर पीयूष मिश्रा ने भी इस पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का तरीका काफी आसान और बिना दिखावे वाला है. उनके मुताबिक, साउथ के सितारे अपनी स्टारडम का बोझ नहीं उठाते, जबकि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई एक्टर्स बड़ी टीम, कई लोगों और ढेर सारे बॉडीगार्ड्स के साथ घूमते हैं, जो उन्हें जरूरत से ज्यादा लगता है.उन्होंने इंटरव्यू में कहा, 'लोग बहुत हैंगअप में रहते हैं, उनके काफी नखरे होते हैं. उनके साथ इतनी लंबी-चौड़ी टीम चलती है. करीब 8-9 लोग उनके साथ आते हैं और कम से कम 12 बॉडीगार्ड तो होते ही हैं. लेकिन इतनी सुरक्षा की जरूरत क्यों है? आप अकेले इंसान हैं, कौन आपको मारने आ रहा है?'उन्होंने बताया कि उन्हें खुद भी बड़ी टीम की जरूरत नहीं पड़ती. उनके पास सिर्फ एक असिस्टेंट और एक मेकअप आर्टिस्ट है, और इसके अलावा उन्हें कोई नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि कई एक्टर्स तो इतने लोगों को सिर्फ छोटी-छोटी चीजों के लिए रखते हैं एक पानी देने के लिए, एक पीने के लिए, एक बाल ठीक करने के लिए, एक मेकअप के लिए. उन्हें समझ नहीं आता कि इसका मतलब क्या है और इतनी जरूरत क्यों पड़ती है. View this post on Instagram A post shared by Piyush Mishra (@officialpiyushmishra)पीयूष मिश्रा ने की रणबीर की तारीफपीयूष मिश्रा ने यह भी बताया कि जब उन्होंने रणबीर कपूर के साथ तमाशा पर काम किया था, तब रणबीर का बेहद सिंपल नेचर उन्हें इंप्रेस कर गया. उन्होंने कहा, 'रणबीर कमाल हैं. वो इतने बड़े स्टार हैं, फिर भी कोई नखरे नहीं दिखाते. उनमें कोई घमंड नहीं है. वो मेरे पसंदीदा एक्टर हैं.” पीयूष ने बताया कि उन्होंने कभी रणबीर को गलत या दुर्व्यवहार करते नहीं देखा.एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक्टर्स की बड़ी-बड़ी टीम और महंगी लाइफस्टाइल का मुद्दा पहले भी कई लोग उठा चुके हैं. डायरेक्टर संजय गुप्ता ने बताया था कि एक एक्टर तो छह-छह वैनिटी वैन के साथ आता है. एक वैन में वो आराम करते हैं, दूसरी में मेकअप-हेयर, तीसरी में मीटिंग्स होती हैं, चौथी में जिम होता है. और हर वैन के साथ अलग लोग जैसे ट्रेनर, असिस्टेंट, ड्राइवर भी आते हैं. इससे एक ही वैन के लिए कई लोग लग जाते हैं, और खर्चा बहुत बढ़ जाता है.अनुराग कश्यप ने भी कहा था डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने भी कहा था कि कई स्टार्स अपनी लाइफस्टाइल की वजह से फिल्म के बजट को बढ़ा देते हैं. कुछ के निजी शेफ होते हैं जो रोज लाखों में चार्ज करते हैं. कभी-कभी जंगल में शूटिंग चल रही होती है, फिर भी एक कार को तीन घंटे दूर शहर भेजा जाता है सिर्फ उनके लिए होटल वाला बर्गर लाने के लिए. उनके मुताबिक, फिल्म बनाने में जितना पैसा लगना चाहिए, उससे ज़्यादा इनके पर्सनल टीम और सुविधाओं पर खर्च हो जाता है.