फिजिकल हेल्थ- सर्दियों में कम पानी पीते लोग:बढ़ता डिहाइड्रेशन का रिस्क, इन 13 संकेतों से पहचानें, प्यास न लगे तो भी पानी पिएं

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सर्दियों में प्यास कम लगती है। इसकी एक वजह ये है कि आसपास का वातावरण ठंडा होता है तो पसीना नहीं आता है। मुंह नहीं सूखता है और प्यास का एहसास नहीं होता है। आमतौर पर लोग पानी तब पीते हैं, जब उन्हें प्यास लगती है। पानी पीने का यह तरीका गलत है। शरीर हमें प्यास का संकेत तब देता है, जब उसे पानी की कमी महसूस होने लगती है। यही वजह है कि ठंड के मौसम में डिहाइड्रेशन का ज्यादा रिस्क होता है। अगर आप हर बार पानी पीने के लिए प्यास का इंतजार करते हैं तो डिहाइड्रेशन का रिस्क हो सकता है। इसलिए ‘फिजिकल हेल्थ’ में आज जानेंगे कि सर्दियों में प्यास क्यों नहीं लगती है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. रोहित शर्मा, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर सर्दियों में प्यास क्यों नहीं लगती है? सर्दियों में प्यास कम लगने की वजह आसपास के वातावरण में तापमान और पसीने से जुड़ी है। गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के लिए ज्यादा पसीना आता है, जिससे बार-बार प्यास महसूस होती है और गला सूखता है। वहीं ठंड के मौसम में तापमान कम होता है। इसलिए शरीर को ठंडा करने के लिए पसीना बहुत कम निकलता है। इस वजह से हमें प्यास भी कम महसूस होती है। सर्दियों में डिहाइड्रेशन क्यों होता है? ठंड के मौसम में हमारी ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, ताकि शरीर की गर्मी बाहर न जाए। शरीर इस दौरान ब्लड फ्लो शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों के आसपास कर देता है। इस प्रोसेस में किडनी को भी ज्यादा खून मिलता है। किडनी छानने के लिए मिले अतिरिक्त ब्लड से ज्यादा पानी छानकर बाहर निकालती है। इससे भी शरी को गर्म रखने में मदद मिलती है। प्यास कम लगने के कारण लोग कम पानी पी रहे होते हैं। इन सभी वजहों के चलते सर्दियों में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। क्या सर्दियों में डिहाइड्रेशन के लक्षण अलग दिखते हैं? हां, सर्दियों में डिहाइड्रेशन के लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं, क्योंकि ठंड में पसीना कम आता है। शरीर में पानी धीरे-धीरे कम होता जाता है, जिससे होंठ फटने लगते हैं, त्वचा में रूखापन होता है। इसके अलावा थकान, सिरदर्द के साथ पेशाब का गाढ़ा पीला रंग जैसे संकेत दिख सकते हैं। ये डिहाइड्रेशन के शुरुआती लक्षण हैं। क्या सर्दियों में डिहाइड्रेशन ज्यादा खतरनाक होता है? हां, सर्दियों में लोग अक्सर डिहाइड्रेशन को नजरअंदाज कर देते हैं और यही इसे ज्यादा खतरनाक बनाता है। ठंड में पसीना कम आता है तो लोग पानी कम पीते हैं, लेकिन शरीर से नमी, सांस और पेशाब के जरिए लगातार पानी बाहर निकलता रहता है। गंभीर डिहाइड्रेशन होने पर क्या होता है? अगर गंभीर डिहाइड्रेशन हो जाए तो खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे हार्ट और किडनी पर दबाव बढ़ता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर घट सकत है। हार्ट रेट असामान्य हो सकती है और शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। सबसे खतरनाक कंडीशन में ऑर्गन फेल्योर हो सकता है। धीरे-धीरे सभी अंग काम करना बंद कर सकते हैं। सर्दियों में कितना पानी पीना जरूरी होता है? सर्दियों में शरीर को उतने ही पानी की जरूरत होती है, जितनी गर्मियों में होती है। हमारे शरीर का लगभग 60% हिस्सा पानी से बना है, जो टॉक्सिन बाहर निकालने, शरीर का तापमान कंट्रोल में बनाए रखने और पाचन को सही रखने में मदद करता है। ठंड में सांस, पेशाब और हल्के-फुल्के पसीने के जरिए भी पानी बाहर निकलता रहता है। इसलिए रोज कम-से-कम 2 से 2.5 लीटर पानी पीना जरूरी होता है। शरीर की पानी की जरूरत कैसे पूरी होगी?सर्दियों में प्यास कम लगती है और पानी पीना भी बहुत अच्छा नहीं लगता है। हालांकि, शरीर को हाइड्रेट रखना भी जरूरी है, ताकि खून गाढ़ा न हो और सभी अंग सही तरीके से काम करते रहें। इसलिए शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए दूसरे तरीके अपनाने होंगे। दिनभर में पानी पीने का लक्ष्य तय करें सर्दियों में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी और थोड़ा मुश्किल होता है। इस मौसम में शरीर बार-बार प्यास का संकेत नहीं दे पाता है तो खुद से अधिक कोशिश करनी होती है। ठंड के दौरान रूम टेम्प्रेचर में रखा पानी पीना भी मुश्किल होता है। इसलिए पहले से ही दिनभर में पानी पीने की योजना बनाएं। इसे ऐसे समझिए कि अगर आपके पास 1 लीटर की पानी की बॉटल है, तो कम-से-कम 2 बॉटल यानी 2 लीटर पानी पीने का लक्ष्य रखें। ठंड को मौसम में सीधे ठंडा पानी पीना मुश्किल हो तो इसे हल्का गुनगुना कर लें, ताकि पीने में आसानी हो। सब्जियों और फलों से पूरी होगी पानी की जरूरत सर्दियों में सिर्फ पानी के सहारे शरीर को हाइड्रेटेड रखना मुश्किल काम है। इसलिए इसे भजोन के जरिए भी पूरा किया जा सकता है। सर्दियों में बाजार में हरी सब्जियां और मौसमी फल दूसरे सभी मौसमों के मुकाबले ज्यादा मिलते हैं।इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है। इन मौसमी फल और सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करके शरीर को हाइड्रेटेड रखा जा सकता है। सर्दियों में डिहाइड्रेशन से जुड़े सभी जरूरी सवाल और जवाब सवाल- डिहाइड्रेशन होने पर कब डॉक्टर को दिखाना जरूरी है? जवाब- अगर सर्दियों में लगातार थकान, सिरदर्द, चक्कर का एहसास हो रहा है। इसके साथ पेशाब का रंग गहरा पीला है, पेशा कम लग रही है। साथ ही, मांसपेशियों में ऐंठन हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। गंभीर डिहाइड्रेशन में ब्लड प्रेशर गिर सकता है, हार्ट रेट असामान्य हो सकती है और कई अंगों में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। इसलिए शुरुआती लक्षण भी नजर आएं तो डॉक्टर दिखाने में देरी न करें। सवाल- सर्दियों में हाइड्रेशन के लिए कौन-से ड्रिंक या घरेलू उपाय सबसे सुरक्षित हैं? जवाब- सर्दियों में गुनगुना पानी सबसे सुरक्षित है। इसके अलावा हर्बल चाय, हल्दी वाला दूध, गुनगुना नारियल पानी, सब्जियों और फलों का रस या गर्म सूप शरीर को हाइड्रेट रखते हैं। ये तरल पदार्थ न सिर्फ पानी की कमी पूरी करते हैं, बल्कि शरीर को गर्म और ऊर्जावान भी रखते हैं। पैकेज्ड ड्रिंक से बचें। सवाल- डिहाइड्रेशन में बच्चों और बुजुर्गों के लिए क्या खास सलाह है? जवाब- बच्चों और बुजुर्गों को यह समझने में अधिक मुश्किल होती है कि उन्हें प्यास लगी है। इसलिए इन्हें छोटे-छोटे अंतराल में हल्का गुनगुना पानी पिलाएं। सूप, हर्बल चाय और मौसमी फल जैसे संतरा, सेब वगैरह खाने को दें। दिनभर में उनके लिए पानी पीने का निश्चित टारगेट तय करें और दिन में कम-से-कम 2 लीटर लिक्विड जरूर दें। सवाल- इससे बचने के लिए पूरे दिन क्या आदतें अपनाई जा सकती हैं? जवाब- दिनभर छोटे अंतराल में गुनगुना पानी पीते रहें। खाने में पानी वाली सब्जियां और मौसमी फल शामिल करें। सुबह धूप में थोड़ी देर समय बिताएं। गर्म कपड़े पहनकर शरीर को ठंड से बचाएं। सूप या हर्बल चाय जैसे हॉट ड्रिंक्स पीकर हाइड्रेटेड रहें। ये आदतें शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाती हैं। ......................... फिजिकल हेल्थ से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए फिजिकल हेल्थ- क्या कुछ खाते ही फूलता है आपका पेट: हो सकते हैं ये 8 संभावित कारण, पेट रखना है दुरुस्त तो रोज करें ये 10 काम हर किसी को कभी-न-कभी अपच की समस्या होती है। इस वजह से कई बार पेट में बहुत ज्यादा गैस बनने लगती है। पेट गुब्बारे की तरह फूलने लगता है। यह एक कॉमन समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। पूरी खबर पढ़िए...