भारतीय नागरिकों के शव क्यों नहीं लौटाएगी सऊदी सरकार:वहीं दफनाया जाएगा, मुआवजा भी नहीं मिलेगा; बस हादसे में 45 भारतीयों की मौत हुई थी

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सऊदी अरब के मक्का-मदीना हाईवे पर सोमवार को हुए बस हादसे में जान गंवाने वाले 45 भारतीय नागरिकों के शव भारत को नहीं लौटाए जाएंगे। सऊदी प्रशासन ने भारतीय दूतावास को साफ कर दिया है कि सभी शवों को वहीं के स्थानीय कब्रिस्तानों में दफनाया जाएगा। उमरा यात्रियों से भरी बस एक डीजल टैंकर से टकरा गई थी, जिसके बाद बस में भीषण आग लग गई। मृतकों में ज्यादातर हैदराबाद के बताए जा रहे हैं। मक्का-मदीना क्षेत्र में मरने वाले मुस्लिम तीर्थयात्रियों को वहीं दफनाना धार्मिक और प्रशासनिक परंपरा का हिस्सा है। ज्यादातर शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि पहचान कर पाना कठिन है। सऊदी अधिकारियों के मुताबिक ऐसे हादसों में अत्यधिक जले हुए शवों को भारत भेजना सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों के खिलाफ है। हादसा मदीना से लगभग 25 किलोमीटर दूर मुहरास के पास भारतीय समयानुसार रात लगभग 1:30 बजे हुआ। उस समय कई यात्री सो रहे थे। उन्हें बचने का कोई मौका नहीं मिला। मृतकों के परिवारों को मुआवजा भी नहीं मिलेगा सऊदी अरब में सड़क दुर्घटनाओं में सरकार की ओर से कोई सीधा मुआवजा नहीं दिया जाता। मुआवजा तभी मिल सकता है जब पुलिस जांच में टैंकर ड्राइवर या कंपनी की गलती साबित हो और परिवार कानूनी दावा दायर करे। यह प्रक्रिया कई महीनों तक चल सकती है। इसलिए पीड़ित परिवारों के लिए किसी तत्काल आर्थिक सहायता की संभावना बहुत कम है। मृतकों में 18 महिलाएं, 17 पुरुष और 10 बच्चे शामिल हैं। हादसे में सिर्फ 1 शख्स जिंदा बचा है। उसकी पहचान मोहम्मद अब्दुल शोएब (24 साल) के रूप में हुई है। शोएब ड्राइवर के पास बैठा था। हादसे के बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। एक सरकारी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। मारे गए लोगों में से 18 एक ही परिवार के थे। इनमें 9 बच्चे और 9 बड़े शामिल थे। यह परिवार हैदराबाद का रहने वाला था और शनिवार को भारत लौटने वाला था। मैप से समझिए कैसे हुआ हादसा... 54 लोग हैदराबाद से सऊदी गए थे हैदराबाद पुलिस के मुताबिक 9 नवंबर को 54 लोग हैदराबाद से सऊदी गए थे। वे 23 नवंबर को वापस आने वाले थे। इनमें से 4 लोग रविवार को कार से अलग से मदीना गए थे। वहीं 4 लोग मक्का में रुक गए थे। दुर्घटना वाली बस में 46 लोग सवार थे। तेलंगाना सरकार ने कहा है कि वह रियाद में भारतीय दूतावास के संपर्क में है। राज्य सरकार की ओर से मारे गए लोगों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया गया है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दिल्ली में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे दूतावास से नजदीकी तालमेल बनाकर पीड़ितों की पहचान और अन्य औपचारिकताओं में मदद करें। ओवैसी ने शवों को भारत लाने की अपील की हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सऊदी अरब में भारतीय उमरा यात्रियों की बस दुर्घटना पर दुख जताया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से फोन पर बातचीत में ओवैसी ने बताया कि उन्होंने हैदराबाद की दो ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क किया है और यात्रियों की जानकारी रियाद स्थित भारतीय दूतावास के साथ साझा की है। उन्होंने रियाद में भारतीय दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन (DCM) अबू मैथन जॉर्ज से भी बात की। जॉर्ज ने उन्हें बताया कि स्थानीय अधिकारियों से जानकारी जुटाई जा रही है और जल्द ही अपडेट दिया जाएगा। ओवैसी ने कहा- मैं केंद्र सरकार से, खासकर विदेश मंत्री जयशंकर से अपील करता हूं कि शवों को जल्द ले जल्द ​​​​​​भारत लाया जाए और घायलों को जरूरी चिकित्सा मुहैया कराई जाए। PM मोदी बोले- पीड़ितों को हरसंभव मदद दे रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सऊदी बस दुर्घटना पर दुख जताया। एक पोस्ट में मोदी ने कहा कि रियाद में वाणिज्य दूतावास हर संभव मदद दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने X पर कहा, 'मदीना में भारतीय नागरिकों के साथ हुई दुर्घटना से मुझे गहरा दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हमारे अधिकारी सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।' विदेश मंत्री बोले- दुर्घटना से गहरा सदमा पहुंचा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सऊदी अरब में हुए हादसे पर दुख जताया। जयशंकर ने कहा- 'मदीना में भारतीय नागरिकों के साथ हुई दुर्घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। रियाद स्थित हमारा दूतावास दुर्घटना से प्रभावित भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों को पूरी सहायता प्रदान कर रहा है।' उमरा के बारे में जानिए... उमरा को साल के किसी भी दिन किया जा सकता है और इसके लिए कोई खास तारीख नहीं होती। उमरा फर्ज नहीं है, बल्कि मक्का-मदीना की तीर्थयात्रा का एक छोटा रूप है, जिसे कोई भी मुसलमान कभी भी, जितनी बार चाहे कर सकता है। हज करने के लिए खास इस्लामी तारीखें होती हैं (इस्लामी कैलेंडर के जिलहिज्जा महीने की 8 से 12 तारीख के बीच)। उमरा कभी भी किया जा सकता है। ------------------------------ ये खबर भी पढ़ें...