पिछले छह सालों में भारत के रोजगार बाजार में ऐसा बदलाव आया है, जिसने नौकरी को लेकर लोगों की सोच ही बदल दी है। पहले ज्यादातर युवा स्थिर सैलरी वाली नौकरी को ही सबसे अच्छा ऑप्शन मानते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं।