अल फलाह यूनिवर्सिटी का यदि व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल से कोई संपर्क नहीं था तो दिल्ली में बम धमाका करने वाले डॉ. उमर को इतनी छूट यहां क्यों दी जा रही थी।