जस्टिस सूर्यकांत ने चेतावनी दी कि बुजुर्गों की देखभाल में कमी और पीढ़ियों के कमजोर होते संबंध सामाजिक ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्होंने कहा कि समृद्धि के बीच रिश्तों की गरमाहट कम हो रही है।