हिड़मा के साथ काम कर चुके पूर्व माओवादी बताते हैं कि वह कम बोलते थे. उनके बारे में कहा जाता है कि वो चुपचाप रहते थे, लेकिन बेहद चौकन्ने और जिज्ञासु थे.