हमूद सिद्दकी ने वर्ष 2000 में महू में एक निजी बैंक जैसा संस्थान बनाकर सैकड़ों लोगों से रुपए दोगुने करने का लालच दिया था। इस दौरान उसने लाखों रुपए की ठगी की। उसका मुख्य निशाना सेना से रिटायर्ड जवान और एमईएस विभाग के कर्मचारी थे। घोटाले के उजागर होने के बाद हमूद परिवार सहित महू से फरार हो गया था और करीब 25 वर्षों से उसकी तलाश जारी थी।