Starlink को टक्कर देने आ रहा है Amazon Leo, आपके लिए ये बड़ी बातें जानना हैं जरूरी

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सैटेलाइट इंटरनेट देने वाली एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को टक्कर देने के लिए अमेजन अपनी नई Amazon Leo सर्विस लेकर आ रही है. पहले इसे प्रोजेक्ट कुइपर के नाम से जाना जा रहा था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर Amazon Leo कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि एंटरप्राइजेज के लिए इसकी सर्विस इसी साल जबकि आम यूजर्स के लिए अगले साल शुरू हो जाएगी. अमेजन का कहना है कि वह हजारों सैटेलाइट की मदद से उन इलाकों में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंच पाता. क्यों बदला गया नाम?अमेजन का कहना है कि रिमोट इलाकों के अलावा बड़े शहरों में भी ऐसी जगहें होती हैं, जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं पहुंच पाता. इसलिए सैटेलाइट नेटवर्क के जरिए इन इलाकों को कवर किया जाएगा. अमेजन ने सालों तक प्रोजेक्ट कुइपर के नाम से इस पर काम किया, लेकिन अब इसका नाम बदल दिया गया है. Amazon Leo नाम से पता चलता है कि यह सिस्टम लॉ अर्थ ऑरबिट (LEO) में प्लेस किए गए सैटेलाइट से चलेगा.Amazon Leo कैसे काम करेगा?ग्राउंड पर अमेजन के गेटवे एंटीना लगे होते हैं, जो सैटेलाइट के साथ डेटा एक्सचेंज करते हैं. इसके बाद कस्टमर अपने घर या ऑफिस पर छोटे एंटीना यूज करेंगे. स्पीड के आधार पर वे Leo Nano, Leo Pro और Leo Ultra को चुन सकेंगे. इनमें एडवांस्ड प्रोसेसर लगे होते हैं, जिससे ये सैटेलाइट से डायरेक्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं.3,000 सैटेलाइट लॉन्च करेगी अमेजनअमेजन की योजना स्पेस में 3,000 सैटेलाइट लॉन्च करने की है. ये सभी मिलकर काम करेंगे, जिससे कस्टमर्स को मजबूत और स्टेबल कनेक्टिविटी मिल सकेगी. इन सैटेलाइट को स्पेस में भेजने के लिए अमेजन ने SpaceX, Blue Origin, Arianespace और ULA के 80 रॉकेट लॉन्च बुक किए हैं. इस पूरे नेटवर्क को कंप्लीट होने में सालों का समय लगने का अनुमान है.ये भी पढ़ें-जापान में अनोखा मामला, असल रिलेशनशिप में मिला था धोखा, महिला ने ChatGPT बॉयफ्रेंड से कर ली शादी