नवनूर ने सपने में भी नहीं सोचा था कि अपने जन्मदिन के दिन वह पिता को मुखाग्नि देगा। रोते हुए वह बार-बार यही कह रहा था कि डैडा एक बार उठ जाओ। उसके आंसू देखकर उप सचिव नवजोत सिंह के अंतिम संस्कार में आए लोगों की भी आंखें नम हो गईं।