सवाल: मैं 30 साल की हूं। मेरी शादी हुए लगभग 4 साल हो चुके हैं। मेरी ससुराल इंदौर में है, मैं होम मेकर हूं। हमारे रिश्ते में सबकुछ ठीक है, लेकिन मेरे पति हर छोटी-बड़ी बात अपनी बहन से शेयर करते हैं। यहां तक कि कई बार वे हमारी पर्सनल बातें भी शेयर करते हैं। जब मुझे इस बारे में पता चला तो मुझे यह सब बहुत अजीब लगा। उसके बाद से मुझे ऐसा महसूस होता है कि जैसे हमारे रिश्ते में कोई प्राइवेसी ही नहीं बची है। जब मैं अपने पति से इस बारे में कोई सवाल करती हूं तो वो कहते हैं कि वो मेरी बहन ही तो है, उससे सब शेयर करना कोई गलत बात नहीं है। अब मैं परेशान हूं कि क्या मैं ओवरथिंक कर रही हूं या वाकई ये मेरी मैरिड लाइफ के लिए खतरा हो सकता है? मुझे अपने रिलेशनशिप को बचाने के लिए क्या करना चाहिए? क्या मुझे किसी काउंसलर की हेल्प लेनी चाहिए? एक्सपर्ट: डॉ. जया सुकुल, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, नोएडा जवाब: सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि आप जो महसूस कर रही हैं, वो बिल्कुल सही है। शादी के चार साल बाद भी रिश्ते में प्राइवेसी का मुद्दा उठना कोई छोटी बात नहीं है। आपने बताया कि आपके पति हर छोटी-बड़ी बात अपनी बहन से शेयर करते हैं, यहां तक कि पर्सनल बातें भी। इससे आपको लगता है कि रिश्ते की गोपनीयता खत्म हो गई है। और जब आप विरोध करती हैं, तो वो कहते हैं कि बहन है, शेयर करना गलत नहीं। ये सुनकर आपको लग रहा होगा कि शायद आप ज्यादा सोच रही हैं, लेकिन नहीं, ये एक असली समस्या है। मैंने ऐसे कई कपल्स को देखा है जहां फैमिली में ज्यादा शेयरिंग से रिश्ता कमजोर पड़ जाता है। इसे धीरे-धीरे समझते हैं और देखते हैं कि क्या करना चाहिए। आपकी फीलिंग्स वैलिड हैं सबसे पहले, खुद को दोष मत दीजिए। शादी एक ऐसा रिश्ता है जहां दो लोग एक-दूसरे के सबसे करीब होते हैं। यहां प्राइवेसी का मतलब है कि कुछ बातें सिर्फ आप दोनों के बीच रहें। जब कोई तीसरा इंसान, चाहे वो बहन ही क्यों न हो, उन बातों में शामिल हो जाता है, तो रिश्ते की नींव हिल सकती है। आप ओवरथिंक नहीं कर रही हैं; ये आपका हक है कि आप अपने रिश्ते की प्रोटेक्शन चाहें। बहुत सी महिलाएं ऐसी स्थिति में खुद को अकेला महसूस करती हैं, क्योंकि समाज हमें सिखाता है कि फैमिली को खुश रखना हमारी जिम्मेदारी है। लेकिन याद रखिए, आपकी मैरिड लाइफ आपकी है, और उसमें बाउंड्रीज जरूरी हैं। प्राइवेसी क्यों जरूरी है रिश्ते में? चलिए, इसे एक सिंपल उदाहरण से समझते हैं। सोचिए, आपका घर एक गार्डन है। उसमें फूल खिलाने के लिए आप दोनों मिलकर पानी देते हैं, देखभाल करते हैं। लेकिन अगर हर कोई बाहर से आकर उसमें हाथ डाले, तो वो गार्डन कैसा रहेगा? ठीक वैसे ही, रिश्ते में प्राइवेसी वो बाड़ा है जो बाहर की हवा से बचाता है। जब पति अपनी बहन से सब शेयर करते हैं, तो वो बाड़ा टूट जाता है। इससे ट्रस्ट कम होता है, क्योंकि आपको लगता है कि आपकी बातें सुरक्षित नहीं हैं। रिसर्च बताती है कि कपल्स जो प्राइवेसी बनाए रखते हैं, उनके रिश्ते ज्यादा मजबूत होते हैं। लेकिन अगर शेयरिंग ज्यादा हो जाए, तो मिसअंडरस्टैंडिंग बढ़ सकती है, और कभी-कभी फैमिली में दखलअंदाजी शुरू हो जाती है। शेयरिंग और ओवर शेयरिंग में फर्क समझिए आपके पति कहते हैं कि बहन है, शेयर करना गलत नहीं। ये सही है कि फैमिली से कुछ बातें शेयर की जा सकती हैं, जैसे खुशी के मोमेंट्स या जनरल एडवाइज। लेकिन पर्सनल बातें, जैसे इंटिमेट डिटेल्स, फाइनेंशियल इश्यूज या झगड़े, वो बाहर नहीं जानी चाहिए। ये ओवर शेयरिंग है, जो रिश्ते को कमजोर करती है। उदाहरण के लिए, अगर आपका पति आपकी कोई कमजोरी बहन से शेयर कर दे, तो वो अनजाने में आप पर असर डाल सकती है। या अगर कोई फैमिली प्रॉब्लम है, तो बाहर शेयर करने से वो और बड़ा बन जाता है। ये न सिर्फ आपके लिए, बल्कि उनके लिए भी खतरा है, क्योंकि इससे रिश्ते में असुरक्षा आ जाती है। क्या ये रिश्ते के लिए खतरा है? हां, बिल्कुल। अगर ये आदत जारी रही, तो आपकी मैरिड लाइफ में कई प्रॉब्लम्स आ सकती हैं। सबसे पहले, आप दोनों के बीच कम्युनिकेशन कम हो सकता है, क्योंकि आपको डर लगेगा कि बात बाहर जाएगी। दूसरा, बहन की एडवाइज से आपके फैसले प्रभावित हो सकते हैं, जो रिश्ते की बैलेंस बिगाड़ देगा। तीसरा, लंबे समय में ये रिसेंटमेंट पैदा कर सकता है- आप पति से नाराज रहेंगी, और वो समझ नहीं पाएंगे। मैंने क्लिनिक में ऐसे केस देखे हैं जहां ओवर शेयरिंग से डिवोर्स तक बात पहुंच गई। लेकिन अच्छी बात ये है कि इसे ठीक किया जा सकता है, अगर दोनों मिलकर कोशिश करें। कपल को रिलेशनशिप से बाहर ये बातें शेयर नहीं करनी चाहिए कपल्स को कभी भी अपने रिलेशनशिप से बाहर प्राइवेट बातें नहीं शेयर करनी चाहिए। ग्राफिक में दी ये लिस्ट रिश्ते की प्राइवेसी बनाए रखने के लिए जरूरी है। अब इन बातों को थोड़ा विस्तार से समझते हैं- पहली बात, सेक्स लाइफ की इंटीमेट डिटेल्स: ये सबसे पर्सनल मोमेंट्स हैं, इन्हें शेयर करने से रिश्ते की पवित्रता टूटती है और ट्रस्ट कम होता है। दूसरी, पार्टनर की कमजोरियां: इन्हें बाहर बताने से दूसरे लोग आपके पार्टनर का सम्मान कम कर सकते हैं और कभी ये उनके खिलाफ इस्तेमाल हो सकती हैं। तीसरी, फाइनेंशियल डिटेल्स: पैसे की दिक्कतें या कमाई शेयर करने से अनचाहा एडवाइज, दया या गलतफहमी हो सकती है। चौथी, फैमिली सीक्रेट्स: संवेदनशील पास्ट या ट्रॉमा बाहर जाने से असुरक्षा बढ़ती है। पांचवीं, रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स: झगड़ों को बाहर वेंट करने से दूसरे लोग बायस्ड हो जाते हैं और प्रॉब्लम बड़ी हो जाती है। छठी, पास्ट ट्रॉमाज: ये गहरी बातें शेयर करने से पार्टनर असुरक्षित फील कर सकता है। सातवीं, पर्सनल गोल्स: इन्हें जल्दी शेयर करने से मोटिवेशन कम हो सकता है। आठवीं, फैमिली मैटर्स: घर की बातें बाहर न जाएं, वरना सीक्रेट्स लीक हो सकते हैं। नौवीं, रोमांटिक जेस्चर्स: गिफ्ट्स या स्पेशल मोमेंट्स की डिटेल्स शेयर करने से उनका महत्व कम हो जाता है। दसवीं, पास्ट रिलेशनशिप्स: पुरानी बातें लाने से खटास आ सकती है। अब क्या करें? सबसे पहले, अपने पति से खुलकर बात करें। लेकिन ये सारी बातें गुस्से में नहीं, बल्कि शांति से करें। उन्हें बताएं कि आप उनकी बहन से प्यार करती हैं, लेकिन कुछ बातें सिर्फ आप दोनों की हैं। उन्हें कहें कि मुझे लगता है कि हमारी प्राइवेसी जरूरी है, ताकि हमारा रिश्ता मजबूत रहे। अगर वो समझें, तो अच्छा है। लेकिन अगर न मानें, तो बाउंड्री सेट करें। उन्हें बताएं कि पर्सनल बातें शेयर न करें, वो सिर्फ हमारी बातें हैं। बहन से दूरी नहीं, बैलेंस बनाना जरूरी उन्हें ये समझाएं कि बहन से रिश्ता नहीं तोड़ना है। बस बैलेंस बनाना जरूरी है। पति को समझाएं कि फैमिली इंपॉर्टेंट है, लेकिन मैरिज अलग है। अगर वो न बदलें, तो फैमिली काउंसलिंग लें। ये मदद करेगी। याद रखिए, रिश्ता दो लोगों का है, और प्राइवेसी उसकी सेफ्टी है। खुद को सशक्त बनाएं आखिर में, खुद पर फोकस करें। अपनी फीलिंग्स को वैलिडेट करें और अगर जरूरी हो तो दोस्तों से बात करें, लेकिन पर्सनल डिटेल्स न शेयर करें। आप एक हेल्दी रिश्ते की हकदार हैं, जहां ट्रस्ट और प्राइवेसी हो। अगर कोशिश से बात बने, तो अच्छा। वर्ना, अपनी खुशी को प्राथमिकता दें। आप अकेली नहीं हैं, कई महिलाएं इससे गुजरती हैं और बाहर निकलती हैं। हिम्मत रखिए, सब ठीक होगा। ……………… ये खबर भी पढ़िए रिलेशनशिप एडवाइज- हम शादी करने वाले थे:तभी पता चला, पार्टनर को क्रॉनिक डिजीज है, अब डर भी है, गिल्ट भी, शादी करूं या नहीं आपके मन में जो उलझन है, प्यार, डर और परिवार का दबाव, वह बिल्कुल स्वाभाविक है। एक तरफ आप अपने पार्टनर से बहुत प्यार करती हैं और उनके साथ जिंदगी बिताना चाहती हैं और दूसरी तरफ भविष्य की जिम्मेदारियों का डर भी आपको परेशान कर रहा है। पूरी खबर पढ़िए...