Edited by:Rakesh Ranjan KumarAgency:पीटीआईLast Updated:September 20, 2025, 23:34 ISTइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकट'जेन जेड' आंदोलन के कारण केपी शर्मा ओली को अपने पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. (रॉयटर्स)काठमांडू. ‘जेन जेड’ समूह ने आठ सितंबर को सरकार विरोधी-प्रदर्शनों के दौरान हुई गोलीबारी में कथित भूमिका को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और तत्कालीन गृह मंत्री रमेश लेखक की गिरफ्तारी की शनिवार को मांग की. इस गोलीबारी में 19 लोग मारे गए थे.विरोध-प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले ‘जेन जेड’ समूह के सलाहकारों में से एक डॉ. निकोलस बुशल ने यहां संबाद दाबली में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि ओली, लेखक और काठमांडू के मुख्य जिला अधिकारी छवि रिजाल को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि वे नया बानेश्वर में गोलीबारी के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे, जिसमें 19 कार्यकर्ता मारे गए थे.बुशल ने 1990 के बाद से सभी उच्च पदस्थ नेताओं और सरकारी अधिकारियों की संपत्ति की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच आयोग के गठन की भी मांग की. इसके अलावा, ‘जेन जेड’ के कार्यकर्ताओं ने यहां सिंह दरबार सचिवालय के पास मैतीघर मंडला में ओली और लेखक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दिया. यहीं से उन्होंने आठ सितंबर को अपनी विरोध रैली शुरू की थी.कथित भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया वेबसाइट पर प्रतिबंध के खिलाफ आठ और नौ सितंबर को हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 72 लोग मारे गए थे. शुक्रवार को, पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने ‘जेन जेड’ के प्रदर्शन के दौरान किसी गोलीबारी का आदेश दिया था. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर ऑटोमैटिक बंदूकों से गोलियां चलाई गईं, जो पुलिस के पास नहीं थीं. ओली ने मामले की जांच की मांग की.प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अध्यक्ष ओली ने ‘जेन-जेड’ के ‘शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन’ के दौरान हुई हिंसा के लिए घुसपैठियों को जिम्मेदार ठहराया. ओली (73) ने संविधान दिवस के अवसर पर जारी एक संदेश में कहा, “सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था.”इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) प्रकाश मान सिंह राउत ने शनिवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने सोशल मीडिया वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से आवश्यक कानून बनाकर सोशल मीडिया वेबसाइट को विनियमित करने का आग्रह किया था, जो एक सामान्य अंतरराष्ट्रीय प्रथा है.ओली के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 26 सोशल मीडिया साइट पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसका आठ सितंबर को ‘जेन जेड’ समूह ने विरोध किया था. आठ सितंबर की रात को सोशल मीडिया साइट पर लगाया गया प्रतिबंध हटा लिया गया था. ‘जेन जेड’ उस पीढ़ी को कहा जाता है, जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है.About the AuthorRakesh Ranjan Kumarराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ेंराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h... और पढ़ेंhomeworldकेपी ओली का पीछा नहीं छोड़ रहे Gen Z, गद्दी छीनने के बाद अब कर दी ये डिमांडऔर पढ़ें