मध्य प्रदेश में 14 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड बने, फिर भी खाद उपयोग में कमी नहीं आई। यह योजना 2015 में शुरू हुई थी, इसका उद्देश्य संतुलित उर्वरक उपयोग करना था। खेत की मिट्टी लेकर उसका परीक्षण किया जाता है, फिर उसमें किस तत्व की कमी है उसका पता लगाया जाता है।