सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को कहा कि कुछ हाईकोर्ट जज अपने काम को सही तरीके से पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे जजों के प्रदर्शन का मूल्यांकन होना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा- हम हाईकोर्ट के जजों के लिए स्कूल प्रिंसिपल की तरह बर्ताव नहीं करना चाहते, लेकिन यह जरूरी है कि हर जज के पास खुद का एक मैनेजमेंट सिस्टम हो, ताकि उनकी डेस्क पर फाइलों का ढेर न लगे। बेंच ने कहा कि कुछ जज दिन-रात मेहनत करते हैं और केसों का बेहतरीन निपटारा कर रहे हैं, लेकिन कुछ जज ऐसे भी हैं जो किसी कारणवश काम नहीं कर पा रहे हैं। कारण अच्छे हों या बुरे, हम नहीं जानते, लेकिन यह स्थिति चिंताजनक है। बेंच ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले में कहा गया है कि अगर कोई कोर्ट सिर्फ फैसले का ऑपरेटिव पार्ट सुनाता है, तो उसे 5 दिन के भीतर उसका कारण भी बताना होगा। जब तक सुप्रीम कोर्ट इस समय सीमा में बदलाव नहीं करता, हाईकोर्ट को इसका पालन करना होगा। 22 अगस्त: इन 2 मामलों में भी SC की टिप्पणी चर्चा में रही .............................. सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... अहमदाबाद प्लेन क्रैश, SC बोला-पायलट की गलती की चर्चा अफसोसजनक: स्वतंत्र जांच की संभावनाएं तलाशें 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में पायलट की गलती को लेकर उठ रही चर्चाओं को अफसोसजनक बताया। इसके लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) से जवाब मांगा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बैंच ने इस मामले में स्वतंत्र जांच करवाने की संभावना पर भी ध्यान दिया है। पूरी खबर पढ़ें...