मौत की सजा से पहले आई चिट्ठी, मिर्गी के दौरे को 'परम आनंद' बताया... जिंदगी से दोस्तोवस्की का रोमांस!

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पांच साल के व्यक्तिगत नरक को झेले बिना फ्योदोर दोस्तोवस्की उन महान उपन्यासों को लिखने में असमर्थ होते जिनके लिए वे सबसे प्रसिद्ध हैं. अपने मिर्गी के दौरे के क्षणों में 'परम क्षण' को अनुभव करने वाले दोस्तोवस्की ने मानवता के समक्ष तीखे सवाल खड़े किए. उनकी रचना क्राइम एंड पनशिमेंट में एक पात्र पूछता है क्या 'असाधारण' व्यक्ति नैतिक नियमों से ऊपर हैं?