यूके 18 साल की ग्रेसी बटलर को पैर दर्द को टेंडोनाइटिस समझा गया, लेकिन सच्चाई चौंकाने वाली थी. उन्हें एक दुर्लभ और खतरनाक कैंसर,स्पिंडल सेल सरकोमा था. जिससे रातोंरात उनकी जिंदगी बदल गई. कीमोथेरेपी और सर्जरी के बाद अब वह 32 साल की हैं और अपने बेटे के साथ नई जिंदगी जी रही हैं. उनकी हिम्मत और संघर्ष की कहानी प्रेरणा देने वाली है.