बलिदानी रंजीत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बुजुर्ग मां-बाप का सहारा छिन गया और रंजीत की तीन मासूम बेटियों के सिर से हमेशा के लिए पिता का साया उठ गया।