H-1B वीजा के नए आवेदन के लिए 100,000 डॉलर की फीस अनिवार्य कर दी गई है. अब केवल शीर्ष योग्य अंतरराष्ट्रीय उम्मीदवार ही इस वीजा के लिए पात्र होंगे. टेक्नोलॉजी कंपनियां इस योजना पर निर्भर हैं. भारत की हिस्सेदारी 71 फीसदी रही है. लाजिम है कि भारतीय प्रोफेशनल्स को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा.