जरूरत की खबर- सर्दियों में क्यों बढ़ती सुस्ती:विंटर लेजीनेस दूर करने के 10 टिप्स, करें इनडोर एक्सरसाइज, डाइट में खाएं ये चीजें

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सर्दियों में बहुत से लोग शरीर में सुस्ती और आलस की शिकायत करते हैं। उनका सुबह बिस्तर छोड़ने का मन नहीं करता, दिनभर थकान रहती है, काम में मन नहीं लगता और मूड भी थोड़ा डाउन फील होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? यह सिर्फ मौसम का असर नहीं, बल्कि हमारे शरीर की एक बुनियादी बायोलॉजिकल रिस्पॉन्स है, जो ठंडे मौसम, कम धूप और हॉर्मोनल चेंजेस से प्रभावित होती है। पब्लिक हेल्थ जर्नल बायोमेड सेंट्रल (BMC) में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, सूरज की रोशनी कम मिलने से सर्कैडियन रिदम (इंटरनल क्लॉक, जो हमारे सोने-जागने को कंट्रोल करता है) बाधित होती है। कम रोशनी से मेलाटोनिन (नींद का हॉर्मोन) लेवल भी बढ़ जाता है, जिससे दिन के समय अलर्टनेस कम हो जाती है। हालांकि अपनी दिनचर्या में कुछ छोटे बदलाव करके आप खुद को एक्टिव रख सकते हैं। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम विंटर लेजीनेस के कारणों को समझेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. निशमिता आर., कंसल्टेंट, इंटरनल एंड जेरियाट्रिक मेडिसिन, स्पर्श हॉस्पिटल, बेंगलुरू सवाल- सर्दियों में शरीर में सुस्ती या आलस क्यों बढ़ जाता है? जवाब- इसके पीछे ठंडी हवा, दिन की कम रोशनी, हॉर्मोनल चेंजेस, फिजिकल एक्टिविटी में कमी और शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए ज्यादा एनर्जी की जरूरत समेत कई कारण हैं, जो थकान और सुस्ती का महसूस कराते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- आइए, अब इन पॉइंट्स को थोड़ा विस्तार से समझते हैं। मेलाटोनिन का बढ़ना मेलाटोनिन को ‘स्लीप हाॅर्मोन’ कहा जाता है। इसका उत्पादन अंधेरे में होता है। सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं और रातें लंबी। सूरज की रोशनी कम मिलने से हमारे शरीर में मेलाटोनिन का उत्पादन ज्यादा होने लगता है, जिससे हमें दिन के समय भी ज्यादा नींद और आलस महसूस होता है। सेरेटोनिन लेवल कम होना सेरेटोनिन को ‘स्लीप हाॅर्मोन’ कहा जाता है, जो हमारे मूड और एनर्जी लेवल को कंट्रोल करता है। सर्दियों में धूप कम होने के कारण इसका लेवल कम हो जाता है, जिससे हम उदास, थके हुए और कम उत्साहित महसूस करते हैं। विटामिन-D की कमी धूप की कमी से शरीर में विटामिन-D का संश्लेषण कम हो जाता है। विटामिन-D की कमी सीधे तौर पर थकान, कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द से जुड़ी होती है, जो आलस को बढ़ाता है। फिजिकल एक्टिविटी में कमी ठंड के कारण लोग घर के अंदर रहना ज्यादा पसंद करते हैं और बाहर की एक्टिविटीज कम हो जाती हैं। इसके कारण मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, जिससे आलस और सुस्ती बढ़ती है। मेटाबॉलिज्म स्लो होना ठंड में शरीर अपनी आंतरिक गर्मी बनाए रखने के लिए एनर्जी बचाने की कोशिश करता है। इससे मेटाबॉलिक रेट स्लो हो जाता है और शरीर उतना फुर्तीला नहीं रहता है। ब्लड सर्कुलेशन का धीमा होना ठंड में ब्लड वेसल्स का सिकुड़ना सामान्य है, जिससे ब्लड फ्लो कम होता है। इससे शरीर में हैवीनेस और सुस्ती महसूस होती है। सवाल- विंटर लेजीनेस और सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) में क्या फर्क है? जवाब- विंटर लेजीनेस सामान्य और हल्की थकान, आलस या एक्टिविटी कम हो जाने की एक आम स्थिति है, जो मौसम बदलने, ठंड बढ़ने और कम धूप मिलने पर स्वाभाविक रूप से महसूस होती है। इसमें व्यक्ति का मूड थोड़ा डाउन हो सकता है, लेकिन वह अपनी रोजमर्रा के काम सामान्य रूप से कर पाता है। इसके विपरीत सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) एक मेडिकल कंडीशन है, जो सर्दियों में होने वाले डिप्रेशन का प्रकार माना जाता है। इसमें व्यक्ति के मूड, नींद, भूख, ऊर्जा और भावनाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है। SAD में उदासी, निराशा, अत्यधिक थकान, किसी भी काम में रुचि न होना और सोशल एक्टिविटीज से दूरी जैसी गंभीर लक्षण दिख सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक इसके संकेत समझिए- सवाल- सर्दियों में एक्टिव रहने के लिए कौन-सी इनडोर एक्सरसाइज की जा सकती हैं? जवाब- सर्दियों में ठंड के कारण बाहर एक्सरसाइज करना कई बार मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कुछ इनडोर एक्सरसाइज शरीर को गर्म, एनर्जेटिक और एक्टिव रखने में बहुत मदद करती हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या सर्दियों में नींद का पैटर्न बदलना सामान्य है? जवाब- हां, सुबह सूरज देर से निकलने से शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक देर से एक्टिव होती है। इसी कारण लोग देर तक सोना, जल्दी थक जाना या दिन में झपकी लेने जैसी दिक्कतें महसूस करते हैं। हालांकि अगर नींद रोज 10–12 घंटे हो जाए और फिर भी थकान बनी रहे तो यह SAD या किसी कमी (जैसे विटामिन D, B12) का संकेत हो सकता है। सवाल- सर्दियों में थकान और कमजोरी से बचने के लिए क्या खाना चाहिए? जवाब- इसके लिए अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामिल करना जरूरी है, जो शरीर को एनर्जी, गर्माहट और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पोषक तत्व दें। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- विंटर लेजीनेस को कैसे दूर किया जा सकता है? जवाब- विंटर लेजीनेस दूर करने के लिए अपनी रूटीन, डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बेसिक बदलाव करना बेहद जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- किस स्थिति में डॉक्टर को दिखाना जरूरी है? जवाब- अगर सर्दियों में सुस्ती या थकान सामान्य से ज्यादा बढ़ जाए और रोजमर्रा के काम प्रभावित होने लगें तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। इसलिए कुछ स्थितियों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसेकि- ........................ जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- क्या ठंड में बंद रखते हैं खिड़की-दरवाजे: हो सकती हैं ये 10 हेल्थ प्रॉब्लम्स, वेंटिलेशन जरूरी, ध्यान रखें 6 बातें सर्दियों में लोग ठंडी हवा से बचने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखते हैं। इससे हवा का आवागमन रुक जाता है और घर के अंदर ताजी हवा नहीं आती है। पूरे दिन लोग सांस लेते हैं, जिससे कार्बन डाई ऑक्साइड बढ़ती जाती है। पूरी खबर पढ़िए...