नए विधेयक के हिसाब से, हर ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य स्वेच्छा से अकुशल शारीरिक श्रम करने को तैयार हों, हर वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के मजदूरी रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान की जाएगी।