देश में डिजिटल अरेस्ट स्कैम और इससे जुड़े साइबर अपराधों में 2022 से 2024 के बीच तेज बढ़ोतरी हुई है। राज्यसभा में सरकार ने बताया कि 2022 में डिजिटल अरेस्ट के 39,925 मामले दर्ज हुए थे और ठगी की कुल राशि 91.14 करोड़ रुपए थी। वहीं, 2024 में ये मामले लगभग तीन गुना बढ़कर 1,23,672 हो गए। ठगी की राशि 21 गुना बढ़कर 19,35.51 करोड़ रुपए पहुंच गई। कमाल की बात ये है कि पढ़े-लिखे लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। इसलिए आज डिजिटल अरेस्ट पर ये कंप्लीट एजुकेशनल स्टोरी जरूर पढ़िए। साइबर लिटरेसी कॉलम में आज हम जानेंगे कि- एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस सबसे पहले पिछले 1-2 महीने में हुई डिजिटल अरेस्ट की कुछ घटनाएं- बुजुर्गों को शिकार बना रहे हैं स्कैमर्स इन सभी मामलों में एक कॉमन बात ये है कि स्कैमर्स बुजुर्गों को डिजिटल अरेस्ट का शिकार बन रहे हैं। इनके अकाउंट में जमा बड़ी धनराशि को चूना लगा रहे हैं। सवाल- डिजिटल अरेस्ट क्या होता है और स्कैमर्स कैसे लोगों को ठग रहे हैं? जवाब- यह स्कैमर्स का बनाया साइबर ठगी का एक तरीका है। इसमें स्कैमर्स खुद को पुलिस, CBI, ED या साइबर एजेंसी का अधिकारी बताकर शख्स को डराते हैं। ये हर किसी को अलग-अलग तरीके से अपने जाल में फंसाते हैं, जैसे- इसके बाद ये बोलते हैं कि आपको डिजिटल निगरानी में रखा गया है। आपको कैमरे के सामने रहना होगा। जिस कमरे में हैं, उसका दरवाजा बंद करके रखना होगा। इस दौरान ये आपका नाम केस से हटाने के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाते हैं। सवाल- क्या भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द या प्रक्रिया है? जवाब- भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द या कानूनी प्रक्रिया नहीं है। यह पूरी तरह भ्रमित करने के लिए साइबर ठगी में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। असल में, भारत में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को लिखित नोटिस, FIR और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है। सवाल- पुलिस या सरकारी एजेंसियां किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए कौन-सी औपचारिक कानूनी प्रक्रिया अपनाती हैं? जवाब- किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को कानून के तहत निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होता है। सवाल- क्या पुलिस, CBI या कोई सरकारी विभाग वॉट्सऐप, वीडियो कॉल, सोशल मीडिया पर नोटिस या अरेस्ट वारंट जारी कर सकता है? जवाब- नीचे बिंदुवार समझिए– सवाल- जब ऐसा कोई कानून है ही नहीं तो लोग क्यों इन ठगों के झांसे में आ जाते हैं और अपने लाखों रुपए गंवा देते हैं? जवाब- देखिए, ये पूरा खेल ‘डर’ और ‘गिल्ट’ पैदा करके साइकोलॉजिकल प्रेशर बनाने का होता है। ठग लोगों के मनोविज्ञान में दो चीजों को पकड़ते हैं– एक कठोर सच्चाई ये भी है कि हमारे समाज में एकदम पाक–साफ, कानूनी और नैतिक तरीके से जीने और काम करने वाले लोग कम ही होते हैं। अमूमन लोग एक तरह के डर और गिल्ट में भी जीते हैं कि कभी कहीं वो फंस न जाएं। ये डर सामाजिक परवरिश और माहौल का भी नतीजा है। हम इस बात को लेकर कभी गांरटीड नहीं महसूस करते कि हमारे साथ कुछ गलत नहीं हो सकता क्योंकि हमने गलत नहीं किया। ऐसे डर बिना किसी तर्क और ठोस कारण के अमूमन लोगों के दिलों में छिपे रहते हैं– साइबर अपराधियों ने इसी मनोविज्ञान को पकड़ा है और इसी का फायदा उठा रहे हैं। लेकिन आपको ये तीन बातें समझनी और हमेशा याद रखनी हैं– पॉइंट 1– स्कैमर्स आधिकारिक पहचान बताकर कॉल या वीडियो पर धमकाते हैं। आपका डर– ऐसा होता है। ऐसा हो सकता है कि सरकारी लोग डराएं, धमकाएं। तार्किक जवाब– डरना नहीं है। अगर आपने सचमुच कोई अपराध किया होगा तो पुलिस पकड़ेगी, सजा देगी, डराएगी–धमकाएगी नहीं। और अगर ऐसा करती है तो उस पुलिस के खिलाफ शिकायत और एक्शन का अधिकार आपके पास सुरक्षित है। पॉइंट 2– स्कैमर्स ब्लैकमेल करते हैं, केस रफा–दफा करने के नाम पर पैसे मांगते हैं। आपका डर– एक बार फिर आपका डर ये है कि ऐसा होता है, पुलिस ऐसा कर सकती है। तार्किक जवाब– बिल्कुल डरना नहीं है। केस है तो फिर हो। पुलिस वारंट लेकर आए, गिरफ्तार करे, कानूनी प्रक्रिया पूरी करे। वीडियो कॉल पर पैसे नहीं देने हैं। निष्कर्ष– कुल मिलाकर निष्कर्ष ये है कि सवाल- स्कैमर्स पीड़ितों पर कमरे में बंद रहने, किसी को न बताने या कैमरे पर बने रहने जैसी शर्तें क्यों लगाते हैं? जवाब- ठग पीड़ित को कमरे में बंद रखते हैं, किसी से बात न करने के लिए कहते और कैमरे पर बने रहने को मजबूर करते हैं ताकि वे डर और शर्म से चुप बने रहें। इससे पीड़ित बिल्कुल अकेला पड़ जाता है। इससे धोखे को उजागर करना मुश्किल हो जाता है। सवाल- हम कैसे खुद को अलर्ट रखकर डिजिटल अरेस्ट से बच सकते हैं? जवाब- ग्राफिक में दिए सभी संकेत देखकर दिमाग में बात खटकनी चाहिए। सवाल- कौन सी बातें हमेशा याद रखनी चाहिए, जिससे भविष्य में कोई इस स्कैम का शिकार न हो? जवाब- नीचे लिखे 10 पॉइंट सबसे जरूरी सबक हैं। ये बातें याद रखें और अपने परिवार, दोस्तों, परिचितों सबको जरूर बताएं। ……………… ये खबर भी पढ़िए साइबर लिटरेसी- ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर 14 लाख ठगे: अक्षय कुमार की बेटी से मांगी न्यूड तस्वीरें, बच्चों को इस स्कैम से कैसे बचाएं पिछले महीने ‘साइबर अवेयरनेस मंथन 2025’ में अभिनेता अक्षय कुमार ने भी अपनी बेटी के साथ हुई एक घटना का जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग के दौरान एक अनजान व्यक्ति ने उनकी बेटी से न्यूड फोटोज मांगे। उसने अपनी मां ट्विंकल को बताया। पूरी खबर पढ़िए...