Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अब तक लोग एक स्मार्ट सहायक या प्रोडक्टिविटी बढ़ाने वाला टूल मानते रहे हैं लेकिन Google DeepMind के को-फाउंडर और Chief AGI Scientist शेन लेग का मानना है कि आने वाले दशक में AI काम करने के पूरे तरीके को बदल सकता है. एक इंटरव्यू में उन्होंने साफ कहा कि AI अब उस दौर में पहुंच रहा है जहां वह इंसानों की मदद करने से आगे बढ़कर खुद काम करने लगेगा और यही बदलाव रिमोट जॉब्स के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकता है.इंसानी दिमाग AI की सीमा नहीं हैदरअसल, प्रोफेसर Hannah Fry से बातचीन के दौरान, शेन लेग ने कहा कि यह मानना गलत है कि मशीनें इंसानी बुद्धिमत्ता से आगे नहीं जा सकतीं. उनका कहना है कि डेटा सेंटर्स मेगावॉट्स की ऊर्जा पर चलते हैं बेहद तेज स्पीड से काम करते हैं और इतनी बड़ी मात्रा में जानकारी प्रोसेस कर सकते हैं जो इंसानी दिमाग के लिए संभव ही नहीं है. उनके अनुसार यह कोई भविष्य की कल्पना नहीं बल्कि एक ऐसी हकीकत है जो धीरे-धीरे सामने आ रही है.कई क्षेत्रों में इंसानों से आगे निकल चुका है AIलेग का मानना है कि AI पहले ही भाषा, सामान्य ज्ञान और जानकारी के विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में इंसानों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. आने वाले वर्षों में इसकी कमजोरियां भी कम होती जाएंगी जैसे तर्क करने की क्षमता, विजुअल समझ और लगातार सीखने की ताकत. उनका अनुमान है कि AI धीरे-धीरे कोडिंग, गणित और जटिल नॉलेज वाले प्रोफेशनल कामों में भी इंसानों के बराबर या उससे आगे निकल जाएगा.रिमोट जॉब्स पर क्यों मंडरा रहा है खतरासबसे ज्यादा जोखिम उन नौकरियों पर है जो पूरी तरह ऑनलाइन और कंप्यूटर के जरिए की जाती हैं. लेग का सीधा सा नियम है कि अगर कोई काम इंटरनेट पर बैठकर, बिना फिजिकल मौजूदगी के किया जा सकता है तो वह नौकरी खतरे में है. जैसे-जैसे AI ज्यादा भरोसेमंद और सक्षम होगा, कंपनियों को घर बैठे काम करने वाली बड़ी टीमों की जरूरत कम पड़ सकती है.सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में दिखेगा सबसे बड़ा बदलावलेग के अनुसार सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में यह असर सबसे पहले और सबसे साफ दिखाई देगा. जहां पहले किसी प्रोजेक्ट के लिए 100 इंजीनियरों की जरूरत होती थी, वहां आने वाले समय में 20 लोग ही काफी हो सकते हैं, बशर्ते वे एडवांस AI टूल्स का इस्तेमाल करें. इससे प्रोडक्टिविटी तो बढ़ेगी लेकिन नौकरियों की संख्या खासकर एंट्री-लेवल और रिमोट रोल्स में घट सकती है.सिर्फ नौकरियां नहीं, पूरी अर्थव्यवस्था बदलेगीलेग का कहना है कि AI सिर्फ कुछ प्रोफेशन को नहीं, बल्कि पूरी आर्थिक व्यवस्था को बदल देगा. अब तक का सिस्टम इस सोच पर टिका है कि लोग अपनी मानसिक या शारीरिक मेहनत के बदले पैसा कमाते हैं. लेकिन अगर मशीनें बड़ी मात्रा में बौद्धिक काम इंसानों से बेहतर और सस्ते में करने लगें, तो यह मॉडल पहले जैसा नहीं चल पाएगा.यह भी पढ़ें:कम बजट में गेमिंग का धमाका! अभी खरीदें ये 5 सबसे पावरफुल और सस्ते गेमिंग स्मार्टफोन, मिलते हैं धांसू फीचर्स