मिस्र से लेकर भारत तक, बाल धोना केवल स्वच्छता से जुड़ा काम नहीं था, बल्कि इसे एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक प्रक्रिया माना जाता था। आइए जानते हैं कि हमारे पूर्वजों ने बाल धोने के लिए इतने नियम क्यों बनाए थे।