ऑडियो में प्रयुक्त भाषा और संवाद को लेकर उनके चरित्र एवं गरिमा पर सवाल उठे, जिसके बाद परिषद के छिंदवाड़ा में आयोजित अधिवेशन में इस विषय पर चर्चा हुई। अधिवेशन के दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि संबंधित अधिकारी को किसी भी पद पर बनाए रखना परिषद की छवि के लिए उचित नहीं है।