छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से 14 बच्चों की मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। पूर्व सांसद नकुल नाथ ने सरकारी लापरवाही को लेकर सवाल उठाए हैं।उन्होंने कहा कि 2017 की रैपिड अलर्ट गाइडलाइन के अनुसार कोई दवा घातक साबित होती है, तो उसे 72 घंटे के भीतर बाजार से हटाया जाना अनिवार्य है, लेकिन यहां जांच रिपोर्ट आने में ही महीना लग गया।