पिछले वर्ष अगस्त में बेंगलुरु का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक महिला जानबूझ कर चलती हुई कार के सामने गिर कर एक्सीडेंट का नाटक कर रही थी। यह घटना कार के डैशकैम में कैप्चर हो गई और जब इसे एक्स यूजर शोनी कपूर ने पोस्ट किया तो फुटेज ने बहुत से लोगों की चिंता बढ़ा दी। सड़क के बीच में खड़ी महिला खुद ही कार के बोनट पर गिर गई। एक्सीडेंट बचाने के लिए ड्राइवर को स्पीड धीमी करनी पड़ी। ड्राइवर द्वारा दुर्घटना रोकने की कोशिश के बावजूद महिला कार पर जा गिरी और आक्रामक हो गई। कपूर ने अपनी पोस्ट में कहा कि ‘डैशकैम लगाएं। पता नहीं आपके साथ कब ऐसा हो जाए।’ सोशल मीडिया पर बहुत–से यूजर्स ने कॉमेंट में कपूर की डैशकैम संबंधी राय पर सहमति भी जताई। मुझे यह घटना शनिवार देर रात तब याद आई जब तमिलनाडु में मैं कार से त्रिची से मेरे गृहनगर कुंभकोणम जा रहा था। सड़क सुनसान और शांत थी। ड्राइवर अच्छी स्पीड में था। अचानक एक स्कूटर हमारी कार के सामने से क्रॉस हुआ। कुत्तों और गायों की ऐसी अचानक क्रॉसिंग के दौरान वाहन संभालने के अनुभवी मेरे ड्राइवर ने ब्रेक लगाए और गाड़ी सड़क किनारे की ओर मोड़ दी। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। स्कूटर टकरा गया, लेकिन सौभाग्य से स्कूटर चालक को खरोंच भी नहीं आई। और तब परेशानी शुरू हुई। वह उसी गांव का निवासी था और तत्काल ही वहां भीड़ जमा हो गई। डैशकैम में रिकॉर्डेड वीडियो दिखाने के बाद ही भीड़ शांत हो पाई। तब मुझे एहसास हुआ कि भारत में डैशकैम कितना जरूरी है। आप कभी नहीं जान सकते कि सड़क पर कैसे व्यक्ति से आपका पाला पड़ेगा। मेरे ड्राइवर ने कहा कि ‘जब तक हमारी पूरी आबादी में ड्राइविंग सेंस नहीं आता, कारों में डैशकैम अनिवार्य कर देना चाहिए।’ शायद वह सही भी है। विवादों, दुर्घटनाओं या धोखाधड़ीपूर्ण दावों में डैशकैम अहम सबूत दे सकता है। रियल-टाइम फुटेज कैप्चर करके यह ना केवल ड्राइवरों को संभावित स्कैम या झूठे आरोपों से बचाता है, बल्कि मानसिक शांति भी देता है। क्योंकि आपको पता है कि ड्राइव के दौरान जो भी हुआ, उसका स्पष्ट रिकॉर्ड मौजूद है।सितंबर 2025 के अंत में जीएसटी दर घटने से इस नवरात्र उत्सव में कारों की बिक्री में काफी उछाल आया। प्रमुख ऑटोमेकर्स ने रिकॉर्ड बिक्री की जानकारी दी। मसलन, नवरात्र के पहले ही दिन टाटा मोटर्स ने 10 हजार कारों की डिलीवरी की। एक दिन में ही मारुति सुजुकी ने 30 हजार और हुंडई ने 11 हजार कारें बेचीं। सितंबर 2025 में डोमेस्टिक पैसेंजर व्हीकल की कुल थोक ब्रिक्री में 5.4% की वृद्धि हुई। घटी कीमतों और फेस्टिव डिमांड के चलते कुछ ऑटोमेकर्स वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में और भी मजबूत बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं।2023 में भारत में 4.8 लाख से अधिक एक्सीडेंट दर्ज हुए। यानी, प्रतिदिन 1,317 एक्सीडेंट। यह सच नहीं है कि केवल दुपहिया वाहन ही लापरवाही से चलते हैं, कई बार चौपहिया वाहन भी गलत होते हैं। वकील इसकी पुष्टि करते हैं कि डैशकैम फुटेज को भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 63 के तहत अदालत में स्वीकार्य मान लिया गया है। यह धारा कुछ शर्तों के साथ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को दस्तावेज के रूप में मान्यता देती है। इसलिए डैशकैम लगाने में समझदारी है। यूजर्स को सिर्फ यह सावधानी रखनी चाहिए कि डैशकैम कम गुणवत्ता वाला ना हो, जिससे रिकॉर्डेड तस्वीरों को निकालना मुश्किल हो जाए। फंडा यह है कि अगर आप इस त्योहारी सीजन में कार खरीद रहे हैं और पहली बार चौपहिया वाहन चला रहे हैं तो डैशकैम लगाने के बारे में सोच सकते हैं। क्योंकि, यह आपको फिजूल सिरदर्द से बचाएगा। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि हमारा ड्राइविंग सेंस संदेहास्पद हो गया है और मोटर लाइसेंसिंग अभी भी सख्त नहीं है।