व्रत पूरी दुनिया की संस्कृति और आस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में अभी नवरात्रि व्रत चल रहे हैं। व्रत सिर्फ मन को शांति नहीं देता, बल्कि शरीर को भी डिटॉक्स करने में मदद करता है। इससे पाचन तंत्र बेहतर होता है और ओवरऑल हेल्थ भी सुधरती है। लेकिन कई बार व्रत के दौरान पेट फूलने लगता है, गैस बनती है, कब्ज या दस्त जैसी समस्या भी हो जाती है। व्रत के दौरान छोटी-छोटी गलतियों के कारण ऐसी समस्याएं होती हैं। हालांकि, इससे आसानी से बचा जा सकता है। सही डाइट, पर्याप्त पानी और कुछ घरेलू उपायों से व्रत आसानी से पूरा हो जाएगा। आज ‘जरूरत की खबर’ में जानेंगे कि व्रत में पेट क्यों खराब होता है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: शिल्पी गोयल, न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन, छत्तीसगढ़ सवाल: उपवास के दरान पेट की क्या समस्याएं होती हैं? जवाब: उपवास में पेट की समस्याएं होना बहुत कॉमन है। शिल्पी गोयल बताती हैं कि हमारा शरीर रोजाना के रूटीन का आदी होता है। जब अचानक हम लंबे समय तक भूखे रहते हैं या शाम को एक साथ ज्यादा खा लेते हैं, तो पाचन तंत्र पर बोझ पड़ता है। इससे एसिड ज्यादा बनता है, जो पेट में जलन और गैस का कारण बन जाता है। इसके अलावा, व्रत में तली-भुनी चीजें जैसे साबूदाना खिचड़ी, आलू चिप्स या मिठाइयां ज्यादा खाई जाती हैं, जो पचने में मुश्किल होती हैं। अगर पानी कम पिया जाए, तो डिहाइड्रेशन से कब्ज हो जाता है। ये बदलाव शरीर को असंतुलित कर देते हैं, लेकिन सावधानी से इन्हें मैनेज किया जा सकता है। सवाल: उपवास में गैस की समस्या ज्यादा क्यों होती है? जवाब: गैस बनना उपवास की सबसे कॉमन समस्या है। जब हम दिन भर भूखे रहते हैं, तो पेट में एसिड बनने लगता है। ये एसिड खाली पेट को परेशान करता है और डकार या ब्लोटिंग का कारण बन जाता है। व्रत में लोग अक्सर आलू, साबूदाना या तली चीजें खाते हैं, जो आंतों में फरमेंटेशन बढ़ाती हैं। इससे गैस बनती है। अगर आप कम फाइबर वाली चीजें खाते हैं, तो खाना आंतों में रुक जाता है और गैस बढ़ जाती है। सवाल: क्या उपवास में कब्ज होना कॉमन है? जवाब: हां, कब्ज उपवास में बहुत कॉमन है। जब हम कम खाना खाते हैं, तो शरीर में फाइबर की कमी हो जाती है। व्रत में चावल, रोटी जैसी चीजें अवॉइड करते हैं, लेकिन उनके बदले साबूदाना या आलू लेते हैं, जिनमें फाइबर की कमी होती है। पानी कम पीने से भी आंतों में ड्राइनेस आ जाती है और मल सख्त हो जाता है। अगर पहले से पाचन कमजोर है तो ये समस्या और बढ़ जाती है। लेकिन अच्छी बात ये है कि फल, सब्जियां और दही जैसे प्रोबायोटिक्स से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। याद रखें कि कब्ज से गैस और पेट दर्द भी बढ़ता है। इसलिए इसे इग्नोर न करें। सवाल: उपवास में दस्त या लूज मोशन क्यों होता है? जवाब: आमतौर पर व्रत में दस्त की समस्या कम होती है, लेकिन कुछ लोगों को ये समस्या होती है। के मुताबिक, ज्यादा मीठा या ऑयली खाना आंतों में फरमेंट होकर दस्त का कारण बन सकता है। अगर आप दूध और फल का कॉम्बिनेशन एक साथ लेते हैं, जैसे बनाना शेक, तो ये लूज मोशन की वजह बन सकता है। व्रत के दौरान गट बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे पाचन प्रभावित होता है। अगर आपको पहले से फूड इंटॉलरेंस है तो ये और बढ़ जाता है। लेकिन हल्का खाना और हाइड्रेशन से इसे रोका जा सकता है। सवाल: उपवास में पेट की समस्याओं से कैसे बचें? जवाब: इससे बचाव बहुत आसान है, बस थोड़ी प्लानिंग चाहिए। व्रत शुरू करने से पहले अपनी डाइट को एडजस्ट करें। दो मील के बीच बहुत लंबा गैप न रखें। शाम को बहुत सारा खाना एक साथ न खाएं। तली चीजें कम करें और उबली सब्जियां, फल बढ़ाएं। दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। अगर गैस हो रही है तो सौंफ या जीरा पानी पिएं। ये घरेलू उपाय पेट को हल्का रखते हैं। जो लोग व्रत में योग या वॉक करते हैं, उन्हें कम समस्या होती है क्योंकि मूवमेंट से डाइजेशन बेहतर होता है। सवाल: उपवास में पानी पीना क्यों जरूरी है? जवाब: पानी उपवास का सबसे अच्छा साथी है। डिहाइड्रेशन पेट की हर समस्या की जड़ है। जब पानी कम होता है, तो पाचन धीमा पड़ जाता है और कब्ज बढ़ता है। व्रत में 2-3 लीटर पानी पिएं, लेकिन एक साथ न पिएं। थोड़ा-थोड़ा करके पानी पिएं। कैफीन या सोडा पीने से बचें, क्योंकि इससे डिहाइड्रेशन बढ़ता है और गैस बनती है। इसकी बजाय नारियल पानी, नींबू पानी या हर्बल टी लें। इनमें इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। कई लोग व्रत में पानी भूल जाते हैं, लेकिन ये गलती पेट को भारी बना देती है। सवाल: उपवास में किस तरह का खाना खाएं? जवाब: खाना हल्का और पौष्टिक होना चाहिए। फल जैसे सेब, केला, पपीता लें। ये फाइबर से भरपूर होते हैं और पेट को हल्का रखते हैं। सब्जियों में खीरा, लौकी, कद्दू उबालकर खाएं। ड्राई फ्रूट्स सीमित मात्रा में खाएं, क्योंकि ज्यादा खाने से गैस हो सकती है। दही या पनीर प्रोटीन के लिए अच्छे सोर्स हैं। व्रत के अनाज जैसे कुट्टू या समा के चावल को सादा बनाएं, तेल कम डालें। ज्यादा मसाले या चीनी खाने से बचें। अगर आप ऐसी डाइट फॉलो करेंगे, तो व्रत न सिर्फ आसान होगा, बल्कि सेहत भी सुधरेगी। सवाल: अगर गैस या कब्ज की समस्या हो जाए तो क्या करें? जवाब: अगर गैस या कब्ज हो गया है तो बहुत परेशान न हों। अजवाइन, हींग या काला नमक का पानी तुरंत राहत देता है। एसिडिटी में ठंडा दूध या नारियल पानी पिएं। दस्त हो तो केला या दही-चावल लें, ये पेट को बाइंड करते हैं। अगर समस्या बार-बार हो रही है या तेज दर्द है, तो डॉक्टर से सलह लें। ये कोई बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। व्रत में दवाओं को एडजस्ट करने के लिए पहले से डॉक्टर से बात कर लें। सवाल: किन लोगों को उपवास में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए? जवाब: हर कोई व्रत रख सकता है, लेकिन कुछ लोगों को एक्स्ट्रा केयर चाहिए। डायबिटिक लोग, गैस्ट्रिक प्रॉब्लम वाले, प्रेग्नेंट महिलाएं या बुजुर्गों को पेट की दिक्कत ज्यादा हो सकती है। उन्हें व्रत से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर दवाएं ले रहे हैं तो टाइमिंग चेंज करें। छोटे बच्चे या कमजोर लोग व्रत न रखें। सवाल: क्या उपवास से पेट की सेहत बेहतर हो सकती है? जवाब: हां, अगर सही तरीके से किया जाए। उपवास शरीर को रेस्ट देता है और डिटॉक्स करता है। ये गट को क्लीन करता है और बैक्टीरिया बैलेंस करता है। लेकिन गलत खानपान से फायदा की जगह नुकसान होता है। सही डाइट से व्रत न सिर्फ पेट को हल्का रखता है, बल्कि वजन कम करने और एनर्जी बढ़ाने में भी मदद करता है। उपवास में सेहत को न करें नजरअंदाज उपवास आस्था का हिस्सा है, लेकिन सेहत को नजरअंदाज न करें। छोटी सावधानियां जैसे पानी पीना, हल्का खाना और घरेलू उपाय अपनाकर आप व्रत का पूरा आनंद ले सकते हैं। ये याद रखें कि व्रत शरीर को डिटॉक्स करने का तरीका है, खुद को परेशान करने का नहीं है। ……………… ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर: नवरात्रि में 9 दिन ऐसे रखें व्रत: घटेगा वजन, बॉडी होगी डिटॉक्स, न्यूट्रिशनिस्ट से जानें हेल्दी व्रत के टिप्स अगर सही तरीके से व्रत रखा जाए तो ये 9 दिन वजन कम करने और शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार हो सकते हैं। सवाल ये है कि व्रत कैसे करें कि भक्ति भी पूरी हो और सेहत भी बनी रहे। पूरी खबर पढ़िए...