पापा मजदूर हैं...कॉपी-किताब नहीं खरीद पाए, फिर आजम ने उठाया बच्चों का बेड़ा..

Wait 5 sec.

आज सिवान ही नहीं बल्कि पूरे जिले के लोग इस युवा की पहल को सराहा रहे हैं. सचमुच, आजम अली की सोच आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है कि शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है और इस हथियार से वंचित किसी भी बच्चे को नहीं होना चाहिए.