मोदी सरकार संसद की स्थायी समितियों का कार्यकाल दो साल करने पर विचार कर रही है. इससे शशि थरूर को विदेश मामलों की समिति अध्यक्ष पद पर बने रहने का फायदा मिल सकता है.