छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 17 साल पुराने एट्रोसिटी के मामले में बड़ा फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि महज शब्द नहीं, अपमान करने की नीयत का होना जरूरी है। मामले में अपमानित करने की मंशा साबित नहीं होने से यह अपराध नहीं बनता।