विमान सुरक्षा को सीधे नियंत्रित करने वाले एयर ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिसर (ATCO) की निगरानी अब और कड़ी व पारदर्शी बनाई जा रही है। यही तय करते हैं कि विमान कब उड़े, कितनी ऊंचाई पर जाए और कब लैंड करे। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने छह ड्राफ्ट तैयार किए हैं। इनका मकसद प्रशिक्षण संस्थाओं से लेकर ट्रेनर और ATO तक की गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। अब जांच के बिना ट्रेनी एयर ट्रैफिक ऑफिसर कंट्रोल टावर नहीं पहुंचेगा। 6 नियम बनाए गए हैं, जो ट्रेनी, ट्रेनर और ट्रेनिंग को और सख्त बनाते हैं। ATCO के लिए बनाए गए 6 नियम सैटकॉल: स्टूडेंट एयर ट्रैफिक कंट्रोलर लाइसेंस ट्रेनी को मिलेगा। वे ट्रेनर की निगरानी में रडार, रेडियो और उड़ानों का मार्गदर्शन सीखेंगे। अब बिना जांच-फिटनेस कंट्रोल टॉवर तक पहुंच नहीं होगी। प्रशिक्षण संस्थान: कौशल आधारित ट्रेनिंग व गुणवत्ता निगरानी अनिवार्य होगा। संस्थानों को ट्रेनिंग, क्वालिटी एश्योरेंस और एनुअल ऑडिट रिपोर्ट देनी होगी। लॉगबुक: ATCO को हर माह लॉगबुक प्रमाणित करनी होगी। यूनिट स्तर पर तीन माह में जांच होगी। रिकॉर्ड डिजिटलीकरण: एयर ऑपरेटर्स के सभी प्रशिक्षण रिकॉर्ड डिजिटल होंगे। निरीक्षण सालाना की जगह त्रैमासिक होगा। चार्टर उड़ानें: सभी लीज एग्रीमेंट व मेंटेनेंस रिकॉर्ड डिजिटल रूप में डीजीसीए को सौंपे जाएंगे। विशेष उड़ानें: मेडिकल इवैकुएशन, वीआईपी मूवमेंट व राहत जैसी उड़ानों की अनुमति अब डिजिटल पोर्टल से 12 घंटे में मिलेगी। क्या होता है ATCO? ATCO हवाई जहाजों की सुरक्षित और व्यवस्थित उड़ान सुनिश्चित करते हैं। वे पायलटों को टेकऑफ, लैंडिंग और हवाई मार्ग (Air Route) पर निर्देश देते हैं ताकि टक्कर या खतरा न हो। ATCO को तीन सेक्टर में तैनात किया जाता है- ................................ अहमदाबाद प्लेन क्रैश, SC बोला-पायलट की गलती की चर्चा अफसोसजनक: स्वतंत्र जांच की संभावनाएं तलाशें सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में पायलट की गलती को लेकर उठ रही चर्चाओं को अफसोसजनक बताया। इसके लिए कोर्ट ने 22 सितंबर को केंद्र सरकार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) से जवाब मांगा। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बैंच ने इस मामले में स्वतंत्र जांच करवाने की संभावना पर भी ध्यान दिया है। पूरी खबर पढ़ें...