Written by:Rakesh Ranjan KumarLast Updated:September 26, 2025, 17:06 ISTDY Chandrachud News: डी.वाई. चंद्रचूड़ ने ज़मानत मामलों के आवंटन पर लगे आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रैंडम कंप्यूटर सिस्टम से केस बांटे जाते हैं. पूर्व सीजेआई ने यह भी कहा कि पवन खेड़ा को भी सुप्रीम कोर्ट ने बचाया था.डी.वाई. चंद्रचूड़ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया. (पीटीआई)नई दिल्ली. भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्होंने जानबूझकर ज़मानत के उन मामलों को जस्टिस बेला त्रिवेदी को भेजे थे, जिसमें उन्होंने राहत देने में कम दिलचस्पी दिखाई गई थी. चंद्रचूड़ ने ऐसे दावों को “निराधार” और अदालती रिकॉर्ड के विपरीत बताया. उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट में मामलों का आवंटन कंप्यूटर द्वारा रैंडम तरीके से किया जाता है.उन्होंने कहा, “ये बेबुनियाद आरोप लगाना तो ठीक है, लेकिन तथ्य इसके उलट हैं. जब मैं भारत का प्रधान न्यायाधीश था और मैंने कहा था कि हम ज़मानत को प्राथमिकता देते हैं, तो दो साल के अपने प्रधान न्यायाधीश कार्यकाल में हमने 21,000 मामलों में ज़मानत दी. भारत के 21,000 से ज़्यादा नागरिकों को ज़मानत मिली.” पूर्व सीजेआई ने ज़ोर देकर कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान “ज़मानत के हक़दार हर व्यक्ति को ज़मानत मिली”.उदाहरण के लिए, उन्होंने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के मामले का ज़िक्र किया. फ़रवरी 2023 में, खेड़ा को असम पुलिस ने दिल्ली हवाई अड्डे पर कांग्रेस के महाधिवेशन के लिए रायपुर जाने वाली उड़ान में सवार होते समय गिरफ़्तार कर लिया था. अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ उनकी टिप्पणी को लेकर उत्तर प्रदेश और असम में उन पर कई एफ़आईआर दर्ज की गईं. सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए उन्हें उसी दिन अंतरिम ज़मानत दे दी थी और बाद में गिरफ़्तारी से सुरक्षा भी बढ़ा दी थी.चंद्रचूड़ ने मामले का हवाला देते हुए कहा, “उन्हें किसने बचाया? सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बचाया.” ज़मानत के मामलों को एक ही जज के पास सीमित रखने के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा, “आपका यह आकलन कि ज़मानत के सभी मामले जस्टिस बेला त्रिवेदी को सौंपे गए थे, तथ्यात्मक रूप से गलत है. ज़मानत से जुड़े मामलों को सुप्रीम कोर्ट की हर एक बेंच देखती है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में आने वाले मामलों में सबसे ज़्यादा आपराधिक मामले होते हैं, जिन्हें कंप्यूटर के ज़रिए रैंडम तरीके से आवंटित किया जाता है.”About the AuthorRakesh Ranjan Kumarराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ेंराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h... और पढ़ेंन्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।homenationजमानत के मामले जस्टिस बेला त्रिवेदी को भेजते थे... आरोप पर क्या बोले पूर्व CJIऔर पढ़ें