टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी भारतीय आईटी दिग्गज कंपनियां एच-1बी वीजा पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। नए नियमों के तहत वीजा आवंटन अब स्किल्ड स्तर और सैलरी के आधार पर होगा।