Written by:Rakesh Ranjan KumarLast Updated:September 28, 2025, 02:06 ISTइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटसर्गेई लावरोव ने यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया.संयुक्त राष्ट्र. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को विश्व के नेताओं से कहा कि उनके देश का यूरोप पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन उनके देश (रूस) के खिलाफ किसी भी आक्रमण का करारा जवाब दिया जाएगा.लावरोव ने यह बात ऐसे समय कही जब नाटो के हवाई क्षेत्र में अनधिकृत उड़ानों को लेकर हाल के सप्ताह में पूरे यूरोप में चिंता उत्पन्न कर दी है. ऐसा विशेष रूप से नाटो जेट विमानों द्वारा पोलैंड के ऊपर ड्रोन मार गिराये जाने और एस्टोनिया के यह कहने के बाद हुआ कि रूसी लड़ाकू विमानों ने उसके क्षेत्र में उड़ान भरी और 12 मिनट तक क्षेत्र में रहे. हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के आरोप रूस पर लगाये गए हैं.रूस ने इससे इनकार किया कि उसके विमानों ने एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया और कहा कि ड्रोन ने पोलैंड को निशाना नहीं बनाया. वहीं, मास्को के सहयोगी बेलारूस ने कहा कि यूक्रेन द्वारा सिग्नल-जाम करने के कारण ड्रोन मार्ग भटक गए. लावरोव ने कहा, “रूस का यूरोपीय या नाटो देशों पर हमला करने का न तो कभी इरादा रहा है और न ही है. हालांकि, मेरे देश के खिलाफ किसी भी आक्रमण का करारा जवाब दिया जाएगा.”UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थनरूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीटों के लिए भारत और ब्राज़ील के आवेदन का समर्थन किया. उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन और ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया सहित) के महत्व पर भी ज़ोर दिया, जो वैश्विक दक्षिण के हितों के समन्वय के लिए एक तंत्र है.लावरोव ने कहा, “सुरक्षा परिषद सुधार का मुद्दा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. रूस एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधित्व के विस्तार के माध्यम से ही इसके लोकतंत्रीकरण का आह्वान करता है. हम परिषद में स्थायी सीटों के लिए ब्राज़ील और भारत के आवेदन का समर्थन करते हैं, साथ ही अफ्रीका के प्रति ऐतिहासिक अन्याय को उन मानदंडों के भीतर ठीक करने का भी समर्थन करते हैं जिन पर इस महाद्वीप के देशों ने स्वयं सहमति व्यक्त की है.”About the AuthorRakesh Ranjan Kumarराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ेंराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h... और पढ़ेंhomeworldतो यूरोप पर हमला कर देंगे... UNGA में सर्गेई लावरोव ने क्यों दी ऐसा चेतावनी?और पढ़ें