साइबर लिटरेसी- पार्सल डिलीवरी स्कैम से लाखों की ठगी:इन 6 तरीकों से पहचानें ये स्कैम, बचाव के लिए बरतें 5 जरूरी सावधानियां

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आज के डिजिटल दौर में ऑनलाइन शॉपिंग और कुरियर सर्विस कॉमन है। लेकिन इस सुविधा का फायदा साइबर ठग भी उठा रहे हैं। हील ही में हैदराबाद की 27 वर्षीय महिला को पार्सल डिलीवरी स्कैम का शिकार बनाया गया। ठगों ने खुद को नकली कुरियर एजेंट बताकर दावा किया कि उसके विदेश में रहने वाले दोस्त ने उसके लिए महंगा गिफ्ट भेजा है। जिसमें डायमंड रिंग, सोना, कपड़े, पैसे और जूते हैं। कुछ ही देर बाद उसे कॉल आया कि पार्सल मुंबई एयरपोर्ट के कस्टम में फंस गया है और उसे छुड़ाने के लिए कस्टम और टैक्स के नाम पर पैसे देने होंगे। डर और धमकी के माहौल में महिला ने कई ट्रांजैक्शन में लाखों रुपए भेज दिए। बाद में पता चला कि यह एक पार्सल डिलीवरी स्कैम था। इसलिए साइबर लिटरेसी कॉलम में जानते हैं कि पार्सल डिलीवरी स्कैम क्या है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, उत्तर प्रदेश पुलिस सवाल- पार्सल डिलीवरी स्कैम क्या होता है? जवाब- पार्सल डिलीवरी स्कैम में ठग खुद को विदेशी दोस्त, ऑनलाइन जान-पहचान वाला या कुरियर एजेंट बताकर आपके नाम से एक महंगा पार्सल भेजने का दावा करते हैं। इसके बाद कस्टम, टैक्स या डिलीवरी चार्ज के नाम पर पैसे ऐंठते हैं। अक्सर ये कॉल, ईमेल या वॉट्सएप मैसेज के जरिए किया जाता है। सवाल- ठग लोगों को इसमें कैसे फंसाते हैं? जवाब- सबसे पहले वे यह यकीन दिलाते हैं कि आपके लिए कोई महंगा गिफ्ट आया है। फिर कहते हैं कि पार्सल एयरपोर्ट पर फंसा है और उसे छुड़ाने के लिए तुरंत पेमेंट करना होगा। कई बार धमकी भी देते हैं कि पैसे नहीं दिए तो पुलिस या इनकम टैक्स विभाग कार्रवाई करेगा। डर और लालच में फंसकर लोग पैसे भेज देते हैं। सवाल-पार्सल डिलीवरी स्कैम के वॉर्निंग संकेत क्या हैं? जवाब- पार्सल डिलीवरी स्कैम में ठग अक्सर कुछ खास पैटर्न फॉलो करते हैं, जिन्हें पहचानकर आप समय रहते इनसे सतर्क हो सकते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी संकेत दिखे तो तुरंत अलर्ट हो जाएं और पेमेंट या पर्सनल डिटेल शेयर करने से बचें। सवाल- पार्सल डिलीवरी स्कैम से बचने के तरीके क्या हैं? जवाब- पार्सल डिलीवरी स्कैम से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि सतर्कता बरतें। बिना पुष्टि के कोई कदम न उठाएं। ठग अक्सर जल्दी निर्णय लेने के लिए दबाव बनाते हैं, लेकिन आपको समय लेकर इसकी पूरी जानकारी लेनी चाहिए। अनजान लिंक, कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें और किसी भी भुगतान से पहले आधिकारिक सोर्स से पुष्टि जरूर करें। अपनी पर्सनल डिटेल्स सिर्फ भरोसेमंद प्लेटफॉर्म या व्यक्तियों को ही दें। साइबर सेफ्टी के लिए मोबाइल और ईमेल अकाउंट में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर लगाएं, ताकि अकाउंट को हैक होने से बचाया जा सके। सवाल- अगर कोई इस स्कैम का शिकार हो जाए तो क्या करें? जवाब- अगर आप पार्सल डिलीवरी स्कैम के शिकार हो गए हैं तो घबराने की बजाय तुरंत कार्रवाई करें। सबसे पहले अपने बैंक या पेमेंट ऐप को सूचना देकर ट्रांजैक्शन ब्लॉक करवाएं। इसके बाद 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज करें। स्कैम से जुड़ी सारी चैट, कॉल रिकॉर्डिंग, स्क्रीनशॉट और ट्रांजैक्शन डिटेल सबूत के रूप में सुरक्षित रखें। अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट के पासवर्ड बदलें और मोबाइल/कंप्यूटर को एंटीवायरस से स्कैन करें। जितनी जल्दी रिपोर्ट करेंगे, पैसे वापस मिलने की और ठग पकड़े जाने की संभावना उतनी ही बढ़ जाएगी। सवाल- पार्सल डिलीवरी स्कैम में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले माध्यम कौन से हैं? जवाब- इस स्कैम में ठग ज्यादातर वॉट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, इंस्टाग्राम, ईमेल और मोबाइल कॉल का इस्तेमाल करते हैं। कई बार नकली वेबसाइट और फेक ट्रैकिंग लिंक भी भेजते हैं, जो असली कुरियर सर्विस जैसी दिखती हैं। इन माध्यमों से वे भरोसा जीतकर पेमेंट की मांग करते हैं। सवाल- पार्सल डिलीवरी स्कैम में ठग किन लोगों को ज्यादा टारगेट करते हैं? जवाब- पार्सल डिलीवरी स्कैम में ठग किसी एक वर्ग को नहीं, बल्कि सभी लोगों को निशाना बनाते हैं। लेकिन कुछ खास वर्ग के लोग इसका शिकार आसानी से बन जाते हैं। सवाल- क्या इस स्कैम में सिर्फ पैसों का नुकसान होता है या और भी खतरे हैं? जवाब- पार्सल डिलीवरी स्कैम को सिर्फ पैसों की ठगी मानना बड़ी भूल है। यह इससे कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इसे ऐसे समझिए कि पार्सल डिलीवरी स्कैम सिर्फ आपकी जेब खाली नहीं करता, बल्कि आपके डिजिटल और निजी जीवन को भी खतरे में डाल देता है। ...... साइबर क्राइम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें साइबर लिटरेसी- एक लापरवाही से वॉट्सएप हो सकता है हैक:फ्रॉड होने का रिस्क, वॉट्सएप को ऐसे रखें सिक्योर, न करें ये 6 गलतियां स्टेटिस्टा की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2025 तक दुनिया में 300 करोड़ से ज्यादा एक्टिव व्हाट्सएप यूजर्स थे। वहीं भारत में साल 2024 में 53.58 करोड़ यूजर्स थे, जो 2025 के अंत तक 79.57 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। वॉट्सएप की बढ़ती पॉपुलैरिटी के साथ इसके जरिए साइबर अपराध की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। पूरी खबर पढ़ें