ज्योतिषाचार्य पंडित शत्रुघ्न झा बताते हैं कि कलश स्थापना के समय जिस तरह विधि-विधान का ध्यान रखा जाता है. वैसे ही विसर्जन या समापन के समय भी नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है.