सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस कस्टडी में 11 लोगों की मौत के बाद थानों में CCTV कैमरों की कमी से जुड़े मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान सरकार से राज्य के सभी थानों में लगे CCTV कैमरों की जानकारी मांगी है। जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने निर्देश दिया कि सरकार बताए कि हर थाने में कितने CCTV कैमरे लगाए गए हैं और वे थाने में किस जगह पर लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को दो हफ्तों के अंदर 12 सवालों के जवाब देने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे काम नहीं करने के मुद्दे पर एक्शन लिया था और 4 सितंबर को दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर को आधार बनाकर जनहित याचिका दर्ज करने के निर्देश दिए थे। रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में करीब 8 महीने के दौरान पुलिस हिरासत में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी खबर पढ़ें... जस्टिस मेहता ने कहा था- निगरानी AI बेस्ड हो जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने 15 सितंबर को कहा था कि यह मुद्दा निगरानी का है। कल को अधिकारी थाने में कैमरे बंद कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा कंट्रोल रूम चाहते हैं, जिसमें इंसानी दखल कम से कम हो। थानों में CCTV न होने से निगरानी में मुश्किल हो रही है। जस्टिस संदीप मेहता ने कहा था- पुलिस थानों की भी प्राइवेट एजेंसी से जांच करवानी चाहिए। हम IIT's को शामिल कर ऐसा सिस्टम बनाने पर विचार कर सकते हैं। वे हमें ऐसा सॉफ्टवेयर दें, जिससे हर सीसीटीवी फीड की निगरानी की जा सके। यह निगरानी भी मानवीय न होकर, पूरी तरह से AI बेस्ड हो। सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश... राजस्थान में पुलिस कस्टडी में 11 मौतें हुईं... ---------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... सीसीटीवी कैमरे लगे लेकिन नहीं रुकी थानों में पिटाई, पुलिसकर्मी किसके साथ क्या सलूक कर रहे, फुटेज ही नहीं मिलते कटनी के जीआरपी थाने में दलित महिला और उसके 15 साल के पोते की बेरहमी से पिटाई का वीडियो 27 अगस्त को वायरल हुआ। इस वीडियो के सामने आने के बाद सवाल उठा है कि आखिर थाना प्रभारी के कमरे में सीसीटीवी कैमरा लगा था तो भी पुलिसकर्मियों में इस बात का डर क्यों नहीं था कि उनकी करतूत कैमरे में कैद हो रही है? पूरी खबर पढ़ें...